वायाकॉम 18 और एमटीवी स्टेइंग अलाइव फाउंडेशन ने एमटीवी निषेध सीजन 2 की घोषणा की


मेरठ : 2020 में आई एपिसोडिक सीरीज एमटीवीवी निषेध के पहले सीजन और एकमात्र डिजिटल स्पिन-ऑफ एमटीवी निषेध अलोन टुगेदर को बेहद पसंद किए जाने के बाद वायाकॉम 18 और एमटीवी स्टेइंग अलाइव फाउंडेशन फंडिंग पार्टनर्स जॉनसन एंड जॉनसन और डेविड और ल्यूसिल पैकार्ड फाउंडेशन के साथ एक बार फिर अपने बिहेवियर चेंज कंटेंट कैम्पेन एमटीवी निषेध सीजन 2 के साथ लौट आए हैं झकझोर देने वाली कहानियों के साथ यह फिक्शन शो एमटीटीवी निषेध सीजन 2 युवाओं से जुड़े वास्तविक मुद्दों के बारे में बात करता है इसका मकसद एक सकारात्मक बदलाव लाना है जो युवाओं को रिश्तों, यौन प्रजनन स्वास्थ्य गर्भनिरोधक के इस्तेमाल अनियोजित प्रेग्नेंसी का सामना करने पर एक सुरक्षित विकल्प के रूप में गर्भपात, जो डेविड और ल्यूसिल पैकार्ड फाउंडेशन द्वारा समर्थित है और ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) की समय पर जांच कराने के लिए जागरूकता फैलाने, जो जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा समर्थित है, के बारे में खुलकर बात करने के लिये प्रोत्साहित करता है। 10 एपिसोड वाली सीरीज एमटीवी निषेध सीजन 2 का प्रीमियर 19 नवंबर को होने वाला है हर शनिवार और रविवार को रात 8 बजे एमटीवी पर और वूट पर इसे किसी भी समय देखा जा सकता है। दर्शक 24 घंटे बाद एमटीवी फुल्ली फालतू पर भी इन एपिसोड्स को देख सकते हैं।

आकृति सरोनवाला एमटीवी स्टेइंग अलाइव फाउंडेशन की जनरल मैनेजर ने कहा एमटीवी निषेध सीजन 2 प्रासंगिक कहानियों और नए-नए प्यारे किरदारों के साथ वापस आ गया है मैं खुश हूं कि हम ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक पहुंचने में सक्षम हुए हैं और उन्हें उन सामाजिक एवं स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में पूरी समझदारी के साथ फैसले लेने में सशक्त बना रहे हैं जिनका वे सामना करते हैं हमारे पार्टनर्स के  बेशकीमती सहयोग के साथ हमारा मानना है कि एमटीवी निषेध में वास्ताव में प्रासंगिक सांस्कृंतिक संपत्ति के साथ ही एक सफल सार्वजनिक स्वास्थ्य कैंपेन बनने की क्षमता है।

कॉज़ एम्बेसडर एवं बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर ने लॉन्च प्रेस कांफ्रेंस में कहा स्वीकार्यता और खुलकर बोलने से बड़ी ताकत कुछ और नहीं होती एमटीवी निषेध सीजन 2 से जुड़कर मैं बहुत खुश हूं और मुझे खुल कर बोल का आइडिया पसंद आया एक युवा जिज्ञासु दिमाग के लिये एमटीवी निषेध सीजन 2 ने सवाल पूछने का एक नया दौर शुरू किया है जोकि आगे उन विषयों को सामान्य बनाता है जिन्हें पहले टैबू माना जाता था। यह सब एक खुली बातचीत से शुरू होता है।”

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