अपनी औलाद की तरह लोगों को ध्यान रखते थे मुलायम सिंह यादव
क्रांतिधरा से जुडी यादों को छोड गये धरतीपुत्रमेरठ।उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव अब हमारे बीच नहीं रहे। नेताजी के निधन से क्रांतिधरा मेरठ भी शोक में डूब गई है। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 82 साल की उम्र में मुलायम सिंह यादव ने अंतिम सांस ली है।
क्रांतिधरा मेरठ से नेताजी का खासा जुड़ाव रहा है। उनकी तमाम यादें हैं, जो मेरठ से जुड़ी हैं। मेरठ के लोगों से मिलना उन्हें बहुत पसंद था। रक्षा मंत्री रहते हुए मेरठ आए। यहां तमाम चुनावी सभाएं और रैलियां की हैं। परियोजनाओं के शिलान्यास से लेकर मेरठ को कई प्रोजेक्ट की सौगात भी नेताजी ने दी है। किसानों के लिए हमेशा खड़े रहे।
अखिलेश सरकार में श्रमराज्य मंत्री और वर्तमान में किठौर से सपा विधायक शाहिद मंजूर कहते हैं, नेताजी ने जिस पर हाथ रख दिया उसे नेता बनाया। जिससे जो कह दिया उससे पीछे नहीं हटे। जुबान से कहा वो पूरा किया कभी किसी के छोड़ने की परवाह नहीं की। सामान्य परिवार से उठकर खुद नेता बने और हजारों नेताओं को बनाया जो आज देश की राजनीति में है।
मेरे पिताजी मंजूर साहब लोकदल में सक्रिय थे, मैं भी उसी समय पिताजी के साथ नेताजी से जुड़ा। 1985 से ही उनसे मेरा साथ जुड़ा। कभी उनसे नहीं कहा कि टिकट दे दो या मंत्री बना दो। उन्होंने जो उचित समझा वो मेरे लिया किया। किठौर में 2 बार मेरे घर आए। पिताजी के निधन पर मुझे संभालने मेरे घर आए। मैं राज्यमंत्री बना तो कहने लगे कि कब तक किराए के घर में रहेगा। नेताजी वो नेता थे जो औलाद की तरह अपने लोगों का ख्याल रखते थे। कपड़े फटने से लेकर इलाज, मकान हर मुकाम पर लोगों की मदद करते रहे। परीक्षितगढ़ भी आए। बच्चों की शादी में भी मेरठ आए। वो सामान्य परिवार से आए राज्य से केंद्र की राजनीति में पहुंचे।
प्रदेश के इतिहास में 90 का दशक काफी राजनैतिक उथल पुथल वाला माना जाएगा। एक ओर जहां अयोध्या को लेकर मुलायम सिंह यादव की सरकार कटटरपंथियों के निशाने पर रही, तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए कुछ सराहनीय काम भी करें। धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे गोपाल अग्रवाल बताते हैं, वर्ष 90 के दौर में आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 का बहुत दुरूपयोग किया जा रहा था। इसके तहत किसी भी व्यापारी को कालाबाजारी या स्टाक अधिक रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जाता था। व्यापारियों को कई-कई दिन तक थाने में प्रताड़ित किया जाता था। मेरठ के व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में मुलायम सिंह यादव से मिला था। व्यापारियों के इस प्रतिनिधिमंडल ने अपनी व्यथा मुलायम सिंह यादव के सामने रखी थी।
सन 1993 में मेरठ में समाजवादी पार्टी की एक चुनावी सभा को मुलायम सिंह यादव ने संबोधित किया था। जिसमें मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि अगर वो मुख्यमंत्री बनते हैं तो सबसे पहला काम प्रदेश से आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7को समाप्त करेंगे। मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री बनते ही सबसे पहला प्रदेश से आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 को दस मिनट के भीतर खत्म कर दिया था।
मुलायम सिंह यादव का मेरठ से खास लगाव था। अपनी चुनावी जनसभाओं के मंच से उन्होंने न जाने कितनी बार मेरठ का नाम लिया। मलियाना कांड के दौरान मुलायम सिंह यादव काफी समय मेरठ में रहे इसको उन्होंने नजदीक से समझा। मलियाना कांड के दौरान मेरठ आए मुलायम सिंह यादव ने कुए में पड़े हुए शवों को निकलवाया था। बदबू के बावजूद वह मौके पर ही काफी देर खड़े रहे थे। इसके बाद लखनऊ में मंच से भी यह बात कही।
मेरठ के सपा नेता अब्बास और एमएलसी सरोजनी अग्रवाल की बेटियों की शादी में भी मुलायम सिंह यादव आए थे। 48 साल से मुलायम सिंह से जुड़े हुए सपा के निवर्तमान जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह का कहना है कि नेताजी जिससे एक बार मिल लेते थे। उसे भूलते नहीं थे बहुत ही जमीन से जुड़े नेता थे।
मुलायम सिंह यादव के नाम पर मेरठ में एक मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराया गया था। 13 दिसंबर 1989 को पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद मेरठ आए थे ।
पूर्व वरिष्ठ सपा नेता गोपाल अग्रवाल ने बताया कि मुलायम सिंह यादव वाकई एक जमीनी नेता के रूप में जाने जाते थे। मुलायम सिंह यादव जब हेलीकाप्टर से चलते थे तो नीचे देखकर ये बता दिया करते थे कि कौन से गांव के ऊपर से उड़ रहे हैं। मुलायम सिंह यादव को मेरठ से भी काफ ी गहरा लगाव रहा था। गोपाल अग्रवाल एक संस्मरण को याद कर बताते हैं कि वर्ष 2006 में मेरठ में 30,31 अक्टूबर और एक नवंबर को समाजवादी पार्टी का प्रदेशीय सम्मलेन का आयोजन किया गया था। जिसमें हजारों की संख्या में समाजवादी पार्टी के पदाधिकारीए नेता और कार्यकर्ता एकत्र हुए थे। गोपाल अग्रवाल बताते हैं कि इस सम्मेलन की कमान मुलायम सिंह यादव ने उनको सौंपी थी। सम्मेलन के लिए मेरठ में किसी बड़े मैदान का चयन होना था। गोपाल अग्रवाल बताते हैं कि मेरठ विक्टोरिया पार्क के बारे में मुलायम सिंह यादव ने पूरी स्थिति को लखनऊ से बैठे-बैठे ही बता दिया था।
बता दें कि समाजवादी पार्टी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की आयु में आज निधन हो गया। मुलायम सिंह यादव पिछले एक हफ्ते से हरियाणा के गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। जहां पर आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को हुआ था। मुलायम सिंह यादव कुश्ती के मजे हुए पहलवान थे। वह पेशे से अध्यापक भी रहे। मुलायम सिंह ने लोहिया आंदोलन में बढ़.चढ़कर भाग लिया था। मुलायम सिंह यादव ने चार अक्टूबर 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी। मुलायम सिंह यादव को राजनीति अखाड़े का पहलवान भी कहा जाता था।
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