डीटीओ के नेतृत्व में सदर विधायक से मिली क्षय रोग विभाग की टीम

-          भावनात्मक और सामाजिक सहयोग के लिए 20 क्षय रोगियों की सूची सौंपी

-          सर्राफा व्यापारी एसोसिएशन से भी की क्षय रोगियों को गोद लेने की अपील

 

हापुड़, 28 अक्टूबर, 2022 जिला क्षय रोग विभाग की ओर से क्षय रोगियों को भावनात्मक और सामाजिक सहयोग उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को क्षय रोग विभाग की टीम जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह के नेतृत्व में सदर विधायक विजयपाल आढ़ती के आवास पर पहुंची और विधायक को 20 क्षय रोगियों की सूची सौंपी। टीम में डीटीओ के साथ जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर सुशील चौधरी और जिला पीएमडीटी कोऑर्डिनेटर मनोज कुमार गौतम शामिल रहे।

इसके अलावा टीम ने सर्राफा बाजार पहुंचकर सर्राफा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेश कुमार के साथ वार्ता की और एसोसिएशन को क्षय रोगियों की मदद के लिए आगे आने को प्रेरित किया। इस मौके पर सर्राफा व्यापारी एसोसिएशन की कार्यकारिणी के सदस्य अजित सिंह सेठी उर्फ मक्खन भी मौजूद रहे। एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेश कुमार ने जिला क्षय रोग विभाग के प्रस्ताव को पूरी गर्मजोशी के साथ लिया और टीम को आश्वासन दिया है कि इस संबंध में जल्द ही एसो‌सिएशन की बैठक बुलाकर निर्णय लिया जाएगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश सिंह ने बताया - विभाग की ओर से व्यापारिक और सामाजिक संगठनों के अलावा व्यक्तिगत स्तर पर संपर्क कर क्षय रोगियों को भावनात्मक और सामाजिक सहयोग उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। डीटीओ ने बताया- उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से शुरू हुए इस कार्यक्रम का क्षय रोगियों में काफी प्रभावी और अनुकूल असर देखने को मिल रहा है। गोद लिए जाने से मिलने वाला भावनात्मक सहयोग क्षय रोगियों में नई ऊर्जा का संचार करने का काम करता है और क्षय रोग से लड़ने की इच्छा शक्ति मजबूत होती है। गोद‌ लिए गए क्षय रोगियों में उपचार के बेहतर नतीजे देखने को मिल रहे हैं। 

डीटीओ ने कहा इस कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभ यह भी मिलेगा कि हर क्षय रोगी का लगातार फालोअप होता रहेगा और इससे उपचार नियमित रखवाने में मदद मिलेगी। कई क्षय रोगी बीच में ही दवा खाना छोड़ देते हैं जिससे उन्हें एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) टीबी हो जाती है। एमडीआर टीबी ज्यादा खतरनाक है और उसका उपचार भी लंबा चलता है जबकि नियमित रूप से दवा खाने पर अधिकतर क्षय रोगी छह माह में ठीक हो जाते हैं। 

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