बदल रही सरकारी स्कूलों की तस्वीर, मेरठ के दो विद्यालय हुए इकोफ्रेंडली


- सरकार की मुहिम से शिक्षक बने सेवाभावी

- कम्पोजिट विद्यालय गोविंदपुर और बहलोलपुर की बदली दशा

- पहले दयनीय हालत में थे मेरठ के ये दोनों स्कूल 

- स्कूलों की दशा सुधरने से दोनों स्कूलों में बढ़े विद्यार्थी 

- प्राइवेट स्कूल छोड़कर यहां एडमिशन ले रहे बच्चे 


मेरठ, 31 अगस्त। योगी सरकार के ईको फ्रेंडली स्कूल बनाने की घोषणा करते ही पश्चिम यूपी के शिक्षकों ने सरकार की इस पहल की ना केवल तारीफ़ की बल्कि इस अभियान में सहयोग भी किया। इको फ्रेंडली स्कूल बनाने के संदेश मात्र से ही शिक्षकों ने एकजुट होकर विद्यालयों की तस्वीर बदलनी शुरू कर दी। मेरठ में 2 सरकारी स्कूलों में शिक्षकों ने जब ये शुरुआत की तो वहाँ का माहौल ही बदल गया और विद्यार्थियों की संख्या में भी भारी इज़ाफ़ा हुआ।


सरकार से मिली सकारात्मक ऊर्जा 

मेरठ के माछरा ब्लॉक अंतर्गत दो विद्यालय कम्पोजिट स्कूल गोविंदपुर शकरपुर व कम्पोजिट स्कूल बहलोलपुर की तस्वीर बदलने से तो अब विद्यार्थी पब्लिक स्कूल छोड़कर इन विद्यालयों में प्रवेश ले रहे हैं। कम्पोजिट स्कूल बहलोलपुर के सहायक अध्यापक अजय का कहना है कि सरकार की ईको फ्रेंडली स्कूल की घोषणा से उन्हें सकारात्मक ऊर्जा मिली है, जिसके बाद उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों और अपने स्टाफ से बातचीत की। 


पहले दयनीय हाल में थे दोनों स्कूल 

अजय ने बताया कि ये विद्यालय बहुत ही दयनीय हालत में था, बच्चे यहाँ बहुत कम आते थे, यहाँ का वातावरण भी बच्चों के लिए काफी अच्छा नहीं था, जिसके बाद इस विद्यालय में पार्क और बगीचे की व्यवस्था की गई जिससे यहाँ के वातावरण में बड़ा बदलाव आया। स्कूल में स्मार्ट क्लास के साथ-साथ एयरकंडीशनर रूम तक बनाया गया है। इतना ही नही स्कूल में बच्चों की एक्टिविटी के लिए म्यूजिक सिस्टम तक लगाया हुआ है ताकि बच्चों को रोज एक्टिविटी भी कराई जा सके। 


दोगुने हो गये विद्यार्थी 

पहले इस विद्यालय में 100 बच्चों की संख्या थी लेकिन अब 200 का आंकड़ा पार का चुका है। सरकार की इस मुहिम में अजय और उसके स्टाफ ने श्रमदान के साथ साथ अपनी तनख्वा से आर्थिक सहयोग भी किया है जो बाकी शिक्षको के लिए एक नजीर बनेगी।


मील का पत्थर साबित होंगे दोनों स्कूल 

बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक निर्माण हरिन्द्र शर्मा का कहना है कि सरकार की इस मुहिम में शिक्षकों ने बढ़चढ़ का भाग लिया है। जिसके फलस्वरूप मेरठ में दो विद्यालयों की तो तस्वीर ही बदल गई। हर सुविधा से लैस ये विद्यालय हमारे देश के उज्जवल भविष्य बनने वाले विद्यार्थियों को उनका भविष्य उज्जवल बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे।

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