स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े बदलाव की तैयारी

ग्रामीण और दूर दराज के मरीजों की होगी ऑनलाइन निगरानी

स्वास्थ्य विभाग ने प्रशासन के साथ मिलकर बनाया सॉफ्टवेयर

सीएचसीपीएचसी और जिला अस्पतालों में बनेगी स्पेशल डेस्क


गाजियाबाद, 30 अगस्त, 2022
 जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े बदलाव की तैयारी है। गावों और दूर- दूराज के इलाकों में रहने वाले ऐसे मरीज जिन्हें जिला अस्पताल में जाकर उपचार लेने की जरूरत हैअब ऐसे मरीजों की स्वास्थ्य विभाग निगरानी करेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने मिलकर एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। पेशेंट रेफरल ट्रैकिंग मैनेजमेंट सिस्टम (पीआरटीएमएस) सॉफ्टवेयर के जरिए ऐसे सभी मरीजों की लगातार निगरानी की जाएगी।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया - ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) नियुक्त किए गए हैं। सीएचओ की जिम्मेदारी उनके क्षेत्र में लोगों की सेहत का ध्यान रखने की है। आशा कार्यकर्ताओं के साथ सीएचओ लोगों के स्वास्थ्य की जांच करते हैं और जरूरत पड़ने पर उन्हें सीएचसी या जिला अस्पताल जाकर उपचार करवाने के लिए रेफर करते हैं। अक्सर ऐसे मरीज सीएचसी या जिला अस्पताल नहीं पहुंचते और उनकी सेहत बिगड़ती रहती है। हालत खराब होने पर ऐसे मरीज अस्पताल पहुंचते हैं और कई बार ऐसे मरीजों को गंभीर हालत में दिल्ली या मेरठ रेफर करना पड़ता है या फिर लंबा उपचार चलता है। ऐसे मरीजों की निगरानी के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। 

सभी सीएचओ को शासन की ओर से लैपटॉप दिलवाए गए हैं। इसके अलावा सभी सीएचसी-पीएचसी और जिला अस्पतालों में भी कंप्यूटर सिस्टम हैं। सीएचओ जिस मरीज को रेफर करेंगेउसका पूरा डेटा सॉफ्टवेयर में अपडेट करेंगेजिससे संबंधित सीएचसी और जिला अस्पताल को भी उसकी सूचना मिलेगी। मरीज के सीएचसी और अस्पताल पहुंचने पर सॉफ्टवेयर में उसे अटैंड किया जाना दर्शाना होगा। यदि मरीज सीएचसी या जिला अस्पताल नहीं पहुंचता है तो सीएचओ को फिर से उस मरीज के पास भेजा जाएगा और उसकी सेहत की जानकारी की जाएगी। यदि उसकी हालत में सुधार है तो सीएचओ सॉफ्टवेयर में इसका अपडेट देंगे और यदि उसकी सेहत खराब है तो उसे सीएचसी या जिला अस्पताल लेने जाने की जिम्मेदारी आशा कार्यकर्ता को सौंपी जाएगी। जिससे मरीज को समय से उचित उपचार मिल सके। डीएसओ ने बताया इस सॉफ्टवेयर की निगरानी सीएमओ कार्यालय में की जाएगी। यदि किसी रेफर किए गए मरीज के बारे में अपडेट नहीं किया जाएगातो उसके संबंध में पूछताछ करके जरूरी निर्देश दिए जाएंगे।

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प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से बना सॉफ्टवेयर :


जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) ने बताया- जिले में इस तरह के सॉफ्टवेयर की काफी समय से जरूरत महसूस की जा रही थी, जिससे जिले के उन लोगों को भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके जो दूर दराज के इलाकों में रहते हैं और जो विभिन्न कारणों से सीएचसी या जिला अस्पताल तक नहीं पहुंच सके। डीएसओ के अनुसार यह सॉफ्टवेयर जिला स्तर पर ही बनाया गया है और जल्द ही इस पर काम शुरु कर दिया जाएगा। रेफर किए गए मरीज को अटैंड करने के लिए सीएचसीपीएचसी और जिला अस्पताल में अलग से डेस्क बनाई जा रही हैं। जिससे मरीजों का समय से अपडेट किया जा सके। उन्होंने कहा- इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जिले में गंभीर मरीजों की संख्या नहीं बढ़ेगी। मरीज को बीमारी शुर होते ही जरूरी उपचार मिल जाएगाजिससे बीमारी गंभीर रूप नहीं लेगी। 

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