भारतीय कर इतिहास में यह सबसे क्रान्तिकारी नीति परिवर्तन

New Delhi-उषा इंटरनॅशनल के चीफ एक्जिक्युटीव अधिकारी श्री. दिनेश छाब्रा ने कहा, “जैसा कि हम वस्तु और सेवा कर की पाँचवी वर्षगाँठ मना रहे हैं, इसमें कोई सन्देह नहीं है किभारतीय कर इतिहास में यह सबसे क्रान्तिकारी नीति परिवर्तन है| उससे भारत की आर्थिक प्रगति और विकास में नई यशोगाथा शुरू हुई है और उससे इज ऑफ बिजनेस, असंघटित क्षेत्र के उद्यम, कर के कैस्केडिंग परिणाम दूर करने के लिए, छोटे उद्यम और रिटेलर्स के लिए एक संयुक्त योजना की निर्मिति के द्वारा कई तरह के लाभ कंपनियों को हुए हैं| उसके द्वारा देशभर के व्यक्तियों के लिए केन्द्रीय और पारदर्शी कर प्रणाली का भी निर्माण हुआ है|


भारत में ग्राहक वस्तु उद्यम के लिए जीएसटी ने विशेष रूप से वस्तुओं के दर में सुधार लाया है और इसका मुख्य कारण करों का रैशनलायजेशन है| विगत सालों में ग्राहकों के लिए एप्लायन्सेस और ड्युरेबल्स अधिक वाजिब दाम में उपलब्ध हो रहे हैं जिससे इस क्षेत्र के विकास को बल मिला है| इस तरह के पारदर्शी और स्वयं- निर्धारण करनेवाली कर प्रणालियों की आवश्यकता है जिससे कंपनियों को सिर्फ बिजनेस में ही लाभ नहीं होगा, बल्की समान राष्ट्रीय मार्केट को गति दे कर पूरे समाज के लिए भी वह लाभदायक होगा|”

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