डायरिया में ओआरएस घोल व जिंक टेबलेट रामबाण :सीएमओ

जनपद में 15 तक चलेगा दस्त नियंत्रण पखवाड़ा
आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बतारहीं, कैसे बनाएं ओआरएस घोल
ओआरएस के पैकेट और जिंक टेबलेट का भी वितरण


मेरठ, 9 जून 2022।  मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया डायरिया के मामले में ओआरएस घोल और जिंक टेबलेट रामवाण की तरह काम करते हैं। शासन के निर्देश पर 15 जून तक जनपद में दस्त नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जा रहा है। यह पखवाड़ा इंटीग्रेटेड डायरिया कंट्रोल फोर्टनाइट कार्यक्रम के तहत चलाया जा रहा है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर डायरिया पीड़ितों को ओआरएस के पैकेट और जिंक की टेबलेट वितरित कर रही हैं।
  सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) मवाना प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. सतीश भास्कर ने बताया डायरिया छोटे बच्चों के लिए घातक हो सकता है, इसलिए बच्चों को लेकर खासतौर पर सावधानी बरतें। उन्हें उल्टी-दस्त होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाएं और चिकित्सक से परामर्श करें। उन्होंने बताया आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पांच वर्ष तक की आयु वाले सभी बच्चों के घर में ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां वितरित कर रही हैं। इसके अलावा बच्चों वाले घरों में वह ओआरएस का घोल घर पर तैयार करने की विधि भी बता रहीं हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर घर में घोल तैयार कर बच्चे को दिया जा सके। इसके साथ ही बच्चों को हाथ धोने के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा डायरिया से बचाव के लिए साफ-सफाई बहुत जरूरी है। खासकर हाथों की सफाई का ध्यान रखें। गर्मी में खुद को हाईड्रेट रखने के लिए समय-समय पर पानी पीते रहें और डायरिया होने पर ओआरएस घोल लेना न भूलें, केवल चिकित्सक के परामर्श पर ही दवा लें।  जिस घर में पांच साल से छोटा बच्चा है उसमें एक ओआरएस का पैकेट और जिसमें बच्चे को दस्त है उसमें दो पैकेट और 14 ज़िंक की गोली दी जा रही हैं।
गृह भ्रमण के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता डायरिया पीड़ित बच्चों की कुपोषण की जांच भी करा रहीं हैं। इसके अलावा आशा कार्यकर्ता लोगों को डायरिया से बचाव के लिए साफ-सफाई, पौष्टिक आहार और कोई समस्या होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार शुरू कराने की सलाह भी दे रही हैं।

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