मेरठ गांधी आश्रम के पदाधिकारियों के खिलाफ लखनऊ में दर्ज हुआ मुकदमा

 

मेरठ। गांधी आश्रम के पदाधिकारियों की मिली भगत से मेरठ स्थित करोड़ों रुपये कीमत की जमीन को नियम विरुद्ध लीज पर देने के मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। ये मुकदमा 12 लोगों के खिलाफ दर्ज करवाया गया है। इस मामले में आयोग के सहायक निदेशक प्रशांत मिश्र ने मेरठ स्थित गांधी आश्रम के महामंत्री और अन्य पदाधिकारियों समेत 12 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
इंस्पेक्टर हजरतगंज श्याम बाबू शुक्ला के मुताबिक मुकदमा खादी और ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक प्रशांत मिश्र ने दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि शाहनजफ रोड स्थित गांधी आश्रम को मेरठ में 3271.40 वर्ग मीटर भूमि दान में मिली थी। बिना आयोग की पूर्व समहति के उक्त भूमि को विक्रय करना अथवा लीज पर देना नियम नियम विरुद्ध था।
इसके बाद भी महामंत्री अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने जमीन को लीज पर देने के लिए मेरठ के मंत्री प्रथ्वी सिंह रावत को अधिकृत कर दिया। पृथ्वी सिंह रावत ने जानकारी के बाद बिना आयोग की अनुमति के मेरठ की मेसर्स रेणुका आशियाना को लीज पर जमीन दी। जबकि गांधी आश्रम, लखनऊ द्वारा आयोग को एक करोड़ 92 लाख 50 हजार रुपये ऋण के रूप में चुकाना है।
इस ऋण को न देने के इरादे से ही महामंत्री अरविंद कुमार श्रीवास्तव व अन्य पदाधिकारियों ने गुपचुप तरीके से संपत्ति को लीज पर देना शुरू कर दिया। जानकारी होने पर गांधी आश्रम के महामंत्री व अन्य पदाधिकारियों को कई बार नोटिस दी गई। इसके बाद भी उक्त लोग फर्जीवाड़ा करते रहे।
इसके बाद अरविंद कुमार श्रीवास्तव, संचालक रामनरेश स‍िंंह, सदस्य रवींद्र नाथ उपाध्याय, प्रकाश चन्द्र जोशी, टीनानाथ तिवारी, शत्रुघ्न द्विवेदी, रामवचन शुक्ला, विनोद प्रकाश चौहान, सुरेंद्र नाथ यादव, मुखराम, संजय सिंह, पृथ्वी सिंह रावत व अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ तहरीर देकर हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया।

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