प्रख्यात साहित्यकार गोपीचंद नारंग का निधन

नई दिल्ली (एजेंसी)।
देश के अग्रणी साहित्यकार और भाषाविद प्रो. गोपी चंद नारंग का अमेरिका में निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे। उन्हें पद्मभूषण समेत कई सम्मानों से नवाजा गया था। नारंग के निधन से साहित्य जगत में शोक छा गया।
नारंग ने उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी में भाषा, साहित्य और संस्कृति पर 65 से अधिक पुस्तकें लिखीं। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रोफेसर रहे। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया में प्रोफेसर रहे। अमेरिका में वे अपने बेटे के साथ रहे थे, वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली।
प्रो. नारंग का जन्म अविभाजित भारत के डुक्की कस्बे में हुआ था। यह अब पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है। उन्हें पद्मभूषण और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके परिवार में पत्नी मनोरमा नारंग और उनके बेटे अरुण नारंग और तरुण नारंग हैं। देश के अनेक साहित्यकारों व प्रकाशन समूहों ने नारंग के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
प्रो. नारंग हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी और पश्तो सहित छह भाषाओं के महारथी थे। उन्होंने उर्दू के अलावा हिंदी और अंग्रेजी में भी किताबें लिखीं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से उन्होंने स्नातक किया था। वे यहीं शिक्षक भी रहे। भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण तो पाकिस्तान सरकार ने 'सितार-ए-इम्तियाज' से नवाजा था।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts