तनाव का सकारात्मक पक्ष ही लक्ष्य के नजदीक लेकर जायेगा

- पं0 दीन द्याल उपाध्याय मैनेजमेंट कॉलिज में शिक्षा विभाग एवं प्रबन्धन विभाग द्वारा राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन

मेरठ
। पं0 दीन द्याल उपाध्याय मैनेजमेंट कॉलिज 17, माल रोड़, मेरठ के सभागार में आज शिक्षा विभाग एवं प्रबन्धन विभाग के द्वारा एक राष्ट्रीय गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय ‘तनावः प्रभावी शिक्षा के संदर्भ में’ रहा। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ आईआईएमटी ग्रुप ऑफ कॉलिजिज् के प्रबन्ध निदेशक डॉ0 मयंक अग्रवाल, मुख्य अतिथि प्रो0 (डॉ0) करतार सिंह, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली, प्रो0 (डॉ0) सुरक्षा पाल, भूतपूर्व विभागाध्यक्ष एवं डीन, शिक्षा विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ एवं अनुसंधान सलाहकार, आईआईएमटी विष्वविद्यालय, गंगानगर, मेरठ, प्रो0 (डॉ0) जे0 एस0 भारद्वाज, भूतपूर्व विभागाध्यक्ष एवं डीन, शिक्षा विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ, महाविद्यालय के निदेशक डॉ0 निर्देश वशिष्ठ ने माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ0 ऋतु भारद्वाज ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस गोष्ठी के मुख्य संरक्षक श्री योगेश मोहनजी गुप्ता, संरक्षक डॉ0 मयंक अग्रवाल व डॉ0 निर्देश वशिष्ठ रहंे।
प्रो0 सुरक्षा पाल ने बताया कि तनाव के दो पक्ष हैं नकारात्मक एवं सकारात्मक। तनाव के सकारात्मक पक्ष को साथ लेकर चलें, आप अपने लक्ष्य को नजदीक पायेंगे। नई शिक्षा नीति में इस पर ध्यान रखा गया है। प्रो0 जे0एस0 भारद्वाज ने कहा कि जो छात्र या व्यक्ति अपने उद्देश्य को साथ लेकर चलता है उसको तनाव नहीं होता है। उद्देश्यहीन ही तनाव का शिकार रहते हैं। प्रो0 करतार सिंह, शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनौपचारिक शिक्षा विभाग, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली ने अपने सम्बोधन में कहा कि छात्रों को केवल शिक्षा देना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उनकी प्रतिभा को पहचानना और निखारना अति आवश्यक है। ऑनलाईन एवं ऑफलाइन शिक्षा प़द्धति में ऑफलाइन अधिक प्रभावी है। ऑनलाइन शिक्षा वैकल्पिक है।
प्रो0 (डॉ0) एम0 के0 जैन, विभागाध्यक्ष एवं डीन, वाणिज्य विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ ने प्रकरण पर कहा कि आज के समय में हमें अपने कार्यक्षेत्र में संतुलन बनाने की आवश्यकता है, जिससे कि व्यक्ति तनाव मुक्त रहकर अपना और छात्रों का विकास कर सके। इनके अतिरिक्त डॉ0 नीरज चौधरी, असिस्टेंट प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, महात्मा ज्योतिबा फूले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली ने ऑनलाइन अपने विचार प्रकरण पर रखे। इस संगोष्ठी में 69 से अधिक सारांश व शोधपत्र प्राप्त हुए।
गोष्ठी का आयोजन दो सत्रों में किया गया। प्रथम सत्र में 17 प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। प्रथम सत्र में प्रो0 (डॉ0) सुरक्षा पाल तथा प्रो0 (डॉ0) ऋतु भारद्वाज ने अध्यक्ष की भूमिका निभाई। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता प्रो0 (डॉ0) करतार सिंह तथा डॉ0 निर्देश वशिष्ठ ने की। इस सत्र में 26 शोध पत्र ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रस्तुत किये गये। इस कार्यक्रम में प्रो0 (डॉ0) ऋतु भारद्वाज ने संयोजक तथा प्रो0 (डॉ0) रचना त्यागी एवं डॉ0 रोबिन्स रस्तोगी ने सहसंयोजक की भूमिका निभाई। डॉ0 अमित कुमार, डॉ0 देवेश गुप्ता आयोजन सचिव तथा अजय त्यागी, डॉ0 प्रदीप कुमार, डॉ0 तबस्सुम तथा डॉ0 नीता गौड आयोजन समिति सदस्य रहे। संगोष्ठी का संचालन डॉ0 प्रतिमा एवं पायल सिंह, एम0एड0 छात्रा तथा दिव्या गोस्वामी, बी0एड0 छात्रा द्वारा किया गया। संगोष्ठी की सारांश रिपोर्ट आनन्द स्टीफन द्वारा प्रस्तुत की गई।
संगोष्ठी में डॉ0 मंजू चौधरी, डॉ0 नीरू चौधरी, अनुराधा त्यागी, अनुराग माथुर, आशुतोष भटनागर, विमल प्रसाद, प्रवीन गौतम, सोम्य शर्मा, गौरव शर्मा, आनन्द स्टीफन, प्रभात राघव, अष्वनी कुमार, शिखा मंगा, स्वाति अग्रवाल, शशांक गोयल, चिराग जैन, चिराग त्रेहान, लक्की बेरवाल, प्रशांत गुप्ता, संयम जैन, रूबी सिंह, राधेश्याम, राजीव पोसवाल, सुमनलता, विनोद कुमार, अर्जुन किशन, आकाश शर्मा, उत्तम नेगी, कमल सिंह, राजीव शर्मा, अरूण कुमार एवं प्रदीप शर्मा उपस्थित रहें। कार्यक्रम के समापन पर निदेशक डॉ0 निर्देश वशिष्ठ ने सभी अतिथियांे का आभार व्यक्त किया तथा धन्यवाद ज्ञापित किया।

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