ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट लीक का मामला

 सर्वे रिपोर्ट का सीलबंद लिफाफा लौटाने कोर्ट पहुंचा हिंदू पक्ष
 अदालत ने लौटाया, चार जुलाई को अगली सुनवा

वाराणसी।
ज्ञानवापी मामले की कमीशन की वीडियोग्राफी लीक मामले में चारों महिला वादिनी कोर्ट पहुंचीं और अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी के जरिये सीलबंद सीडी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में टेबल पर रख वापस कर दीं और आवेदन देकर रिपोर्ट लीक होने की जांच की मांग कीं।
अदालत ने सीलबंद सीडी वापस कर दिया और कहा कि 4 जुलाई को आवेदन पर आदेश पारित करेंगे। अंजुमन इंतजामिया की तरफ से इस मामले की जांच की मांग की गई। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय की तरफ से कहा गया कि विशेष उपासना स्थल विधेयक 1991 को लेकर पीआईएल सुप्रीम कोर्ट में दाखिल है इस मामले में पक्षकार बनाकर हमें भी सुना जाए।
कहा कि हिंदू पूजा करते हैं अन्य धर्म के लोग प्रार्थना करते हैं जबकि मुस्लिम नमाज अदा करते हैं। पूजा हिंदू करते हैं ऐसे में विशेष उपासना स्थल कानून 1991 श्रृंगार गौरी मामले में लागू नहीं होता। वहीं लार्ड विश्वेश्वर के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने भी राखी सिंह मामले में पक्षकार बनाते हुए रूल 7 नियम 11 पर पोषणीयता के बिंदु पर सुने जाने का अनुरोध किया।
जिला जज ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार वाद की पोषणीयता पर सुनवाई के बाद ही अन्य आवेदनों पर सुनवाई की बात कही और पहले से ही नियत 4 जुलाई को ही सुनवाई की तिथि नियत कर दी। इसके अलावा राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र सिंह ने अधिवक्ता शिवम गौड और अनुपम द्विवेदी के जरिये कमीशन वीडियो लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग की। अदालत ने इस पर भी 4 जुलाई को आदेश पारित करने की बात कही।

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