पोषण अभियान के अंतर्गत गोद भराई रस्म का आयोजन
मुजफ्फरनगर, 2 अप्रैल 2022
जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो नए मेहमान के स्वागत की तैयारी में पूरा परिवार जुट जाता है। प्रसव के बाद शिशु के लिए कुछ खास चीज़ों की जरूरत होती है, जिसे इकट्ठा करने में हर कोई लग जाता है। वहीं, बच्चे के जन्म से पहले कुछ पारंपरिक रस्में भी निभाई जाती हैं, जिनमें से एक है गोद भराई। इसी क्रम में शनिवार को जनपद में गोद भराई की रस्म का आयोजन किया गया। जनपद की परियोजनाओं में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा पोषण पखवाड़ा से संबंधित अनेक गतिविधियां जैसे बच्चों का वजन, गर्भवती महिलाओं का गोद-भराई,गृह भ्रमण,पोषण रैली, जल संरक्षण पर गोष्ठी तथा संचारी रोग अभियान के शुभारंभ के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश गोंड ने बताया आज जनपद में पोषण अभियान के अंतर्गत गतिविधि गोद भराई दिवस का आयोजन किया गया। बाल विकास परियोजना अधिकारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका आदि के प्रयास से गर्भवती महिलाओं की गोद भराई रस्म आयोजित की गई। उपस्थित जनसमुदाय के साथ महिला और बच्चों में व्याप्त कुपोषण को दूर करने, 6 माह तक बच्चों को सिर्फ मां का दूध पिलाने, किशोरी बालिकाओं को पौष्टिक आहार देने आदि पर विस्तृत चर्चा की गई। गर्भावस्था के दौरान खान-पान के बारे में चर्चा की गई। गर्भवती के वज़न बढ़ने को लेकर चर्चा की और बताया गर्भावस्था के दौरान महिला का वज़न 9 से 11 किलोग्राम बढ़ना चाहिए, यदि महिला कुपोषित है तो वज़न और अधिक बढ़ना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान समय से जांच कराने, आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करने, आयरन की गोली का नियमित प्रयोग करने, प्रसव के एक घंटे के अन्दर पीला गाढ़ा दूध नवजात को पिलाय जाने, प्रसव सिर्फ संस्थागत कराने की सलाह दी गई। इसके साथ ही चतुरंगी आहार में लाल, हरा, पीला, सफेद चार तरीके के भोजन करने की सलाह दी गई। खाने में पौष्टिक भोजन जैसे अनाज, दूध, फल, दाले, हरी साग - सब्जी, घी व अन्य चीजें खाने के साथ दिन में पर्याप्त नींद लेने और कोई भी भारी वस्तु न उठाने की सलाह दी गयी।
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