दरोगा के रखे दिल से मौत की गुत्थी सुलझाएगें विशेषज्ञ 

  मौत का कारण न पता होने पर दरोगा के दिल को मेडिकल  कालेज में जांच के सुरक्षित रखा गया 

  मेरठ।  लाला लाजपत राय मेडिकल  कालेज में मेरठ में एक मृतक दारोगा का दिल मेडिकल कॉलेज में रखा गया है, इस प्रकार पहला मौका है जब किसी के दिल को मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए रखा गया है। मौत की वजह स्पष्ट न हो पाने की वजह जानने को मेडिकल कॉलेज में दिल को सुरक्षित रखा गया है। हालांकि दिवंगत दारोगा का अंतिम संस्कार हो चुका है। लेकिन अंतिम संस्कार से पहले पोस्टमार्टम भी कर लिया गया था  मौत की वजह के ठीक से स्पष्ट न हो पाने की वजह से मौत का कारण जानने को मेडिकल कॉलेज में दिल को सुरक्षित रखा गया है।

 रविवार को मूल निवासी  शामली यूपी पुलिस के दारोगा प्रदीप पुत्र इंद्रपाल को अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई , जिसके बाद उन्हें अत्यधिक तकलीफ  होने पर रविवार की रात्रि में मेरठ के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया।उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी। दिवंगत दारोगा मूल रूप से शामली जनपद के रहने वाले था, प्रदीप अलीगढ़ जिले के खैर थाने में तैनात था। दिवंगत दरोगा प्रदीप का हालांकि अंतिम संस्कार भी उनके पैतृक गांव शामली के थाना कांधला अंतर्गत ताहरपुर बबीसा में परिजनों द्वारा कर दिया गया है, लेकिन उससे पहले पोस्टमॉर्टम में उनकी मौत का कारण पूरी तरह से स्पष्ट न होने की वजह से उनके दिल को सुरक्षित मेडिकल कॉलेज में रखा गया है।

बोले चिकित्सक :-

 लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के फ ोरेंसिक मेडिसिन विभाग के सह आचार्य डॉक्टर मिथुन घोष का कहना है कि आशंका यही है कि उनकी हृदयघात से मौत हुई है। डिपार्टमेंट ऑफ फोरेंसिक मेडीसिन और डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी ये दोनों विभाग इस हार्ट के बारे में जांच करेंगे।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा आरसी गुप्ता  का कहना है कि कानूनी रूप से हर मौत का कारण जानना बेहद ही जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि ये मौत का सही कारण जानने के लिए किया गया है।

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