टीवी सीरियल महाभारत के शकुनि  प्रणीत भट्ट ने बीडीएस के बच्चो को सिखाये जीवन के मूल मंत्र  

मेरठ। शुक्रवार केा बीडीएस इंटरनेशनल स्कूल में एक बेहतरीन कलाकार एवं बहुत ही सुंदर व्यक्तित्व  प्रणीत भट्ट का आगमन हुआ। अपने आगमन के पश्चात प्रथम सत्र में उन्होंने विद्यालय के छात्र छात्राओं से साक्षात्कार किया और बच्चों को जीवन में किस तरीके से अपने लक्ष्य की प्राप्ति करनी है और उसकी तैयारी करनी है इस विषय पर कुछ मूल मंत्र दिए। साथ ही बच्चों की ओर से आए हुए प्रश्न प्रश्नों का बहुत ही सहजता एवं सरलता के साथ जवाब दिया।
उन्होंने अपने सत्र के दौरान बच्चों को यह बताया कि आपको जीवन में कोई भी कैरियर सैलेक्ट करना है तो सबसे पहले आपको अपनी पढ़ाई पूरी करनी चाहिए। आप यदि कलाकार भी बनना चाहते हैं तो बने, परन्तु एक पढे लिखे कलाकार। पहले अपनी पढ़ाई पूरी कर अपने पैरों पर खड़े हो उसके बाद अपने दूसरे कैरियर के बारे में सोचे।  वह खुद एक इंजीनियर हैं और उन्होंने कई सम्मानित प्रतिष्ठानों में जॉब भी की है।
दूूसरा गुरु मंत्र उन्होंने बच्चों को दिया वे अपने माता.पिता व अपने गुरुजनों को सबसे ज्यादा आदर दे उन्हें सर्वोपरि माने क्योंकि ये लोग वो नीव की ईट है जिसके ऊपर आप अपने भविष्य की इमारत खड़ी करते हैं। बच्चों की प्यारी जिद पर और उनके अनुरोध करने पर उन्होंने ना सिर्फ बच्चों के साथ फोटोग्राफ करा, बल्कि अपने ऑटोग्राफ दिए। साथ ही बच्चों को महाभारत के शकुनि के किरदार से जुड़े हुए अपने कई अपने डायलॉग भी बोलकर बच्चों का दिल जीत लिया। अपने सत्र के दौरान उन्होंने कहा आज स्कूल में आकर वह बहुत ही भावुक हो गए हैं क्योंकि उन्हें भी अपना बचपन, अपने स्कूल के दिन याद आ गए कि किस तरीके से वे  बचपन में मस्ती करते थे।
सत्र के दूसरे पड़ाव में प्रणीत सर का साक्षात्कार हुआ मेरठ एवं आसपास के शिक्षा संस्थानो एवं कई प्रतिष्ठित विद्यालयों के प्रधानाचार्यो से एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों से। इस कार्यक्रम के दौरान द्वीप प्रजजवलन के पश्चात् विद्यालय के बच्चो द्वारा सांसकृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये जिसमें महाभारत का चित्रण करता सामूहिक नृत्य अति सराहनीय रहा। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने महाभारत से क्या सीखा उन्होंने यह जवाब दिया कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो महाभारत आपको नहीं सिखाता। महाभारत में सब कुछ है सभी प्रकार का ज्ञान महाभारत में है। महाभारत का हर किरदार हमें कुछ ना कुछ शिक्षा अवश्य देता है और यह सोच देता है कि फिर कभी महाभारत ना हो।
किसी को शकुनी नहीं बनाना चाहिए
शकुनि का किरदार जीते हुए उन्होने यह सीखा कि किसी को भी शकुनी नहीं बनना चाहिए क्योंकि बहन का बदला लेते हुए एक भाई ने पूरे कौरव वंश का सर्वनाश करा दिया अत: अपने व्यक्तिगत जीवन में ना तो ईगो, ना ही बदले की भावना अपने अंदर रखनी चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि आपके अनुसार महाभारत का मुख्य कारण क्या था,तो उन्होंने इसे नारी का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि शकुनि ने भी दुर्योधन से कहा था कि द्रोपदी का चीर हरण कर और नारी को अपमानित कर तुमने अपने लिए कोई भी मार्ग नहीं छोड़ा अब तुम्हें सर्वनाश से कोई नहीं बचा सकता।
विद्यालय के प्रधानाचार्य  गोपाल दीक्षित ने  प्रणीत भटट एवं अन्य सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों सम्मान एवं धन्यवाद किया व छात्र छात्राओं को यह सन्देश दिया कि वे  प्रणीत भट्ट के व्यक्तित्व से जितना हो सके उतनी ज्यादा सीख ले।  

No comments:

Post a Comment

Popular Posts