महिला डाक्टर आत्महत्या मामले में मेरठ में निकाला कैंडल मार्च 

 मेरठ। राजस्थान के दौसा में महिला चिकित्सक डा.अर्चना शर्मा द्वारा आत्महत्या करने के मामले में फागसी मेरठ के डाक्टरों ने नाराजगी जताते हुए शांति पूर्वक कैंडल मार्च निकलकर दोषियों केखिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

पेट्रन पदश्री डा उषाशर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम हिमोरेज या प्रसव उपरांत अत्याधिक रक्तस्त्राव एक आकस्मिक घटना है। जोकि किसी भी डिलीवरी में हो सकती है। अत: ऐसे मे उस महिला की जानभी जा  सकती है। इसीलिए प्रसव को महिला के दूसरे जन्म का नाम दिया गया है।



 राजस्थान के दौसा जिले में पीपीएच  से हुई मौत पर डाक्टर  पर मर्डर की धारा लगा दी गयी। जिससे परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली। शहर के स्त्री एवं प्रसूति रोग  विशेषज्ञों  की संस्था फॉग्सी  कीअध्यक्ष  डा भारती माहेश्वरी एवं सचिव डा प्रियंक गर्ग  ने इस घटना  की  कडी निदंा  की एवंडाक्टरों  को संगठित  होने की सलाह  दी साथ ही डा अर्चना शर्मा को न्याय दिलाने  की मांग की एंव पुलिस और जिला प्रशासन से अपील की । संस्था नेमहिला डाक्टरों की सुरक्षा की मांग की है।  कैंडल मार्च में डा रूकना इदनानी, डा अंजू रस्तोगी,डा . मृदुला त्यागी,डा .निशि गोयल,डा अनुपम सिरोही, डा .मीनाक्षी रस्तोगी, डा दीपिका रमेश,डा गरिमागोयल,डा प्र्रीति  पाठक,डा सारिका अग्रवाल,डा. मंजुला लखनपाल,डा निशा सिंह  सहित फॉग्सी मेरठ के अन्य सदस्य मौजूद रहे।  

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