प्रशिक्षण में फेल हुई 226 महिला दरागाओं को दी जा रही ट्रेनिंग 

सर्वोच्च न्यायालय के  आदेश पर दिया जा  रहा प्रशिक्षण 

मेरठ। पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में महिला दारोगा की 254 प्रशिक्षुओं में से 226 फेल हो गईं। दो साल बाद अब 226 महिला प्रशिक्षुओं को दोबारा ट्रेनिंग दिलाई जा रही है। ट्रेनिंग के बाद उक्त मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद उसके आदेश पर ही ट्रेनिंग शुरू हुई है।

2020 में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में 254 महिला प्रशिक्षुओं को दारोगा की ट्रेनिंग दी गई थी। कोरोना की वजह से नौ माह की ट्रेनिंग में छह माह का ही प्रशिक्षण दिया गया था। ट्रेनिंग के बाद आउटडोर और इनडोर परीक्षा कराई गई। परीक्षा कराने के लिए पीटीएस मुरादाबाद से सीओ सत्यपाल सिंह को बुलाया गया था। वर्तमान में सत्यपाल एएसपी हो गए हैं, उनकी हालिया तैनाती इटावा में एसपी ग्रामीण पद पर है। रिजल्ट में पता चला कि आउटडोर परीक्षा में 226 महिला प्रशिक्षु फेल हो गईं। यह पहला मौका है जब 254 महिला प्रशिक्षु में से 226 फेल हो गईं। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में भर्ती पर सवाल उठाते हुए किसी ने जनहित याचिका दाखिल कर दी थी, जिसके चलते भर्ती पर रोक लगा दी गई। हालाकि सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस भर्ती को क्लीनचिट दे दी। उसके बाद परीक्षा पास कर चुकी 28 महिला दारोगाओं को तैनाती दी गई जबकि आउटडोर परीक्षा में फेल हुई 226 महिला प्रशिक्षुओं को दोबारा दो माह की ट्रेनिंग कराई जा रही है, इसमें अब तक डेढ़ माह की ट्रेनिंग पूरी भी हो चुकी है। अफसर दावा कर रहे हैं कि महिला प्रशिक्षुओं ने ट्रेनिंग के दौरान लापरवाही की, जिस वजह से वह पास नहीं हो पाईं। दूसरी ओर, इतनी बड़ी संख्या में प्रशिक्षुओं के फेल होने पर इंटरनेट मीडिया पर तरह.तरह की चर्चाएं चल रहीं जिन्हें तत्कालीन सीओ सत्यपाल और डीआइजी संजय कुमार ने सिरे से खारिज किया है।

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