सीएमओ ने टीबी हारेगा-देश जीतेगा के मूलमंत्र के साथ किया एसीएफ का शुभारंभ
-          पिलखुआ सीएचसी पर हरी झंडी दिखाकर 56 टीम रवाना कीं
-          टीबी रोगियों की पहचान के साथ ही आईएमआई के बारे में भी जानकारी देने के निर्देश

 
हापुड़, 09 मार्च, 2022। टीबी हारेगा-देश जीतेगा, इसी मूलमंत्र के साथ बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. रेखा शर्मा और जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान का शुभारंभ किया। जनपद के पिलखुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से हरी झंडी दिखाकर 56 टीम रवाना की गईं। जनपद में कुल 105 टीम 22 मार्च तक घर-घर जाकर लक्षणों के आधार पर क्षय रोगियों को खोजेंगी। इस मौके पर एसीएमओ डा. वेदप्रकाश अग्रवाल के अलावा जिला कार्यक्रम समन्वयक दीपक शर्मा और जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी भी मौजूद रहे।
एसीएफ अभियान के शुभारंभ अवसर पर सीएमओ डा. रेखा शर्मा ने टीम के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा-सभी ईमानदारी और पूरी सतर्कता के साथ काम करें। घर-घर जाते समय टीम के सदस्य अच्छे से पेश आएं और अपने परिचय के बाद घर के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल करें। जनपद में नियमित टीकाकरण से छूटे दो वर्ष तक के बच्चों के लिए सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान भी चल रहा है, इसलिए आप जिस भी घर में जाएं बच्चों के टीकाकरण के बारे में भी जरूर पूछें। यदि किसी बच्चे का टीकाकरण नहीं हुआ हो तो उसके माता-पिता को टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के साथ ही यह भी बताएं कि अमुक नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर आप यह सुविधा निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा कोविड टीकाकरण की भी जानकारी करते चलें। खासकर 15 से 18 वर्ष के किशोरों को कोविड टीकाकरण और 60 वर्ष से अधिक आयु वाले बुजुर्गों को प्रीकॉशन डोज के बारे में बताएं।    
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने बताया-जनपद में एसीएफ अभियान के लिए कुल 105 टीम बनाई गईं हैं। सबसे अधिक 56 टीम पिलखुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से हैं। हर चार टीम पर एक सुपरवाइजर ‌है, जो टीमों की मॉनटरिंग करेंगे। टीम घर-घर जाकर क्षय रोग के लक्षणों की जानकारी देंगी और यदि किसी व्यक्ति में क्षय रोग के लक्षण होंगे तो उसकी जांच भी कराएंगी। टीबी की पुष्टि होने पर 48 घंटे के अंदर उपचार शुरू कराकर रोगी को निक्षय पोर्टल से जोड़ेंगी ताकि उसे पोषण के लिए 500 रुपए की राशि प्राप्त हो सके। हमारा प्रयास है कि क्षय रोगियों की जल्दी पहचान और उपचार शुरू हो सके, ताकि टीबी संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके और 2025 तक भारत को टीबी मुक्त किया जा सके। अभियान के शुभारंभ अवसर पर एमओआईसी पिलखुआ डा. प्रमोद कुमार, महिला चिकित्साधिकारी डा. शैफाली वर्मा, सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर संगीता अरोड़ा, एचआईवी काउंसलर कमलदीप, लैब टैक्नीशियन संदीप पुंडीर और अजय मलिक और फार्मासिस्ट सीमा सिंह व खुर्शीद आलम के अलावा सुपरवाइजर हरीशचंद, विजय कुमार, रामसेवक, दानिश अली और नासिर अली आदि मौजूद रहे।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts