यादों का झरोखा

यादों के झरोखों से जब झांकती पुरानी याद
हृदयतार को फिर झंकृत   करती है पुरानी याद ।।

बचपन के वो खेल खिलौने भाई बंधु का वो प्यार
 घर परिवार की वो खट्टी मीठी बातें अपनो का दिया वो प्यार।।

यादों के झरोखों से जब झांकती पुरानी याद
हृदयतार को फिर झंकृत   करती है पुरानी याद ।।

कुछ  भूली कुछ बिसरी यादें बीती वचपन की वो याद
कुछ कही तो कुछ अनकही बातें वचपन की वो मीठी याद।।

यादों के झरोखों से जब झांकती पुरानी याद
हृदयतार को फिर झंकृत    करती है पुरानी याद ।।

मित्र दोस्त और सहपाठी संग     साथ विताये अच्छी याद
वर्षों बाद भी यादों में रहना साथ बनकर उनका याद ।।

यादों के झरोखों से जब झांकती पुरानी याद
हृदयतार को फिर झंकृत  करती है पुरानी याद ।।

घर परिवार की जिम्मेदारी और  समाज से मिलकर चलना कदम ताल
नई पुरानी यादों संग   करते रहना नया कार्य ।।

यादों के झरोखों से जब झांकती पुरानी याद
हृदयतार को फिर झंकृत  करती है पुरानी याद ।।

कुछ छुटे कुछ टूटे रिस्ते उसको पिरोना अपना कार्य
यादों के वो दीप जला जिंदा रखना वो पुरानी याद।।

यादों के झरोखों से जब झांकती पुरानी याद
हृदयतार को फिर झंकृत   करती है पुरानी याद ।।
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- कमलेश झा.  दिल्ली

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