अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के दोषियों में एक मेरठ निवासी तो दूसरा बिजनौर पठानपुरा का रहने वाला
 मेरठ। गुजरात के अहमदाबाद में 2008 में हुए बम धमाकों के मामले में दोषी पाए गए आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। फांसी की सजा पाए 38 लोगों में दो लोगों का कनेक्शन पश्चिमी उप्र से है। इनमें एक मेरठ का निवासी है जबकि दूसरा बिजनौर का रहने वाला है।
देश के इतिहास में पहली बार ऐसी बड़ी  सजा सुनाई गई है। जबकि 38 लोगों को एक साथ फांसी की सजा किसी अदालत ने सुनाई हो। गुजरात के अहमदाबाद में 2008 में हुए बम धमाकों के मामले में दोषी पाए गए सभी 38 दोषियों को विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। इन 38 आरोपियों में से दो का कनेंक्शन वेस्ट यूपी से है। इनमें एक मेरठ का जियाउर्रहमान उर्फ मोंटू पुत्र अब्दुल रहमान है।
जबकि दूसरा बिजनौर का तनवीर है। इसके अलावा 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। बताया जाता है कि अदालत ने पिछले मंगलवार को इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी और 49 लोगों को पहले ही दोषी करार दिया था। बताया गया कि दोषियों को 13 साल बाद सजा सुनाई गई है।
मेरठ के जिस जियाउर्रहमान को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है उसका पता लगाने में एलआईयू जुटी हुई है। बिजनौर के पठानपुरा का रहने वाला मोहम्मद तनवीर भी बम धमाके मामले में दोषी पाया गया है। कोर्ट ने उसे फांसी की सजा सुनाई है। गांव के लोगों से जब तनवीर को लेकर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस मामले पर कुछ नहीं कहा। वहीं मेरठ के थाना किला परीक्षितगढ़ के गांव अगवान पुर के रहने वाले जियाउर्रहमान का परिवार चार दशक पहले अहमदाबाद चला गया था। इस समय आरोपी जियाउर्रहमान के चाचा गांव में रहते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं कहना है। जियाउर्रहमान के परिवार से अब उनका कोई संपर्क नहीं है। जेल में रहते हुए जियाउर्रहमान  ने दिल्ली ओखला से चुनाव लड़ा था। इस दौरान गांव अगवान पुर से करीब 300 लोग उसको चुनाव लड़वाने के लिए गए थे।

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