सहारनपुर : नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) एक बार फिर एक अन्य डिफॉल्टिंग सदस्य, सहारनपुर की श्री राधे ट्रेडिंग कम्पनी यानि एसआरटीसी के खिलाफ मुंबई हाई कोर्ट से आदेश प्राप्त करने में सफल रहा है। एनएसईएल ने सन 2014 में एसआरटीसी के खिलाफ 34.59 करोड़ रु. की मूल डिफॉल्ट राशि तथा सितंबर, 2013 से डिफॉल्ट राशि पर जमा ब्याज की वसूली के लिए वसूली कार्यवाही (थर्ड पार्टी नोटिस) दायर की थी। इसकी पुष्टि पूर्व न्यायाधीश वी सी डागा की अध्यक्षता में एक हाईकोर्ट कमेटी (एचसीसी) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में कर बरकरार रखा गया था।
हाईकोर्ट कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार कर, मुंबई हाईकोर्ट ने इसे कोर्ट के आदेश में तब्दील कर दिया। माननीय हाइकोर्ट ने एनएसईएल के पक्ष में 32.77 करोड़ रु. प्लस 12 प्रतिशत की दर से ब्याज एवं लागत का आदेश रमेश नागपाल और उसका पुत्र सनी नागपाल के नेतृत्व वाली श्री राधे ट्रेडिंग कम्पनी के खिलाफ पारित किया है।
जस्टिस जी. एस. पटेल की एकल जज बेंच ने एसआरटीसी द्वारा दायर इस जवाबी अर्जी को खारिज कर दिया कि उस पर एनएसईएल को भुगतान करने का कोई दायित्व नहीं है, बल्कि उसके द्वारा एनएसईएल से वसूली किया जाना है। माननीय हाईकोर्ट ने एनएसईएल को कार्यवाही के किसी भी चरण में एसआरटीसी से रिपोर्ट्स की लागत वसूल करने की स्वतंत्रता भी दी।
उल्लेखनीय है,  रमेश नागपाल और उसका पुत्र सनी नागपाल इस कंपनी के प्रोप्रायटर है | उन दोनों को इससे पहले मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्लू -मुंबई) द्वारा गिरफ्तार किया गया था और इस समय वो एमपीआईडी कोर्ट, मुंबई द्वारा जमानत पर रिहा है |
एनएसईएल के पक्ष में आदेश पारित करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने कहा, ...‘‘इस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाता है और एनएसईएल के पक्ष में उसकी शर्तों पर एसआरटीसी के खिलाफ आदेश होगा। कार्यवाही में किसी भी चरण में एसआरटीसी से रिपोर्ट्स की लागत वसूल करने की स्वतंत्रता एनएसईएल है। साफ है, एसआरटीसी द्वारा देय राशि पर 30 सितंबर, 2013 से भुगतान तक या वसूली तक ब्याज लगेगा। यह ब्याज 12 प्रतिशत प्रतिवर्ष के अंदर होगा...’’

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