विदेश में दाखिला चाहते हैं तो कम से कम तीन साल पहले योजना बनाएं
मेरठ। विदेश में पढ़ाए जाने वाले कोर्स के लोकप्रिय होने के कई सारे कारण हैं, मसलन ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय छात्र उच्च क्वालिटी की शिक्षा पाने के साथ ही नई संस्कृति से रूबरू होते हैं और वैश्विक मानसिकता विकसित करते हैं ताथा भविष्य की रोजगार संभावनाओं का दायरा बढ़ा पाते हैं।
प्रथम टेस्ट प्रेप के सह—संस्थापक एवं निदेशक अंकित कपूर बताते हैं,  कुछ लोगों के लिए घर छोड़कर किसी अनजान जगह पर जाकर पढ़ाई करना चुनौतीपूर्ण होता है लेकिन विदेश में पढ़ाई करना भी एक रोमांचक चुनौती है जिससे अक्सर कैरिअर अवसर बेहतर बनता है और वैश्विक स्तर पर काम करने के तौर—तरीकों की अच्छी समझ विकसित हो पाती है।



विदेश में रहते हुए छात्र को जिस तरह का अनुभव मिलता है, वह बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि वहां कहां जाता है। लिहाजा छात्र को अपनी रुचि और उस देश की शैक्षणिक साख के अनुसार ही किसी देश में अध्ययन करने के लिए जाने का विकल्प चुनना जरूरी है ताकि वह काम या इसमें रुचि का संतुलन बनाए रख सके।
यह निर्णय लेना एक कठिन कार्य है लेकिन आपको विदेश में पढ़ने (ट्यूशन) और रहने का खर्च, ग्रैजुएट कैरियर की संभावना और रोजगार की क्षमता तथा उस देश में संपूर्ण सुरक्षा, जनहित और आव्रजन गाइडलाइंस भी ध्यान में रखना होगा।
प्रथम टेस्ट प्रेप के सह—संस्थापक एवं निदेशक अंकित कपूर बताते हैं, 'छात्रवृत्ति पाने के इच्छुक छात्रों को पहले से ही योजना बना लेनी चाहिए। भारत से बाहर अंडरग्रैजुएट करने की योजना बना रहे छात्रों को नौवीं कक्षा से ही योजना पर काम शुरू कर देना चाहिए। विदेश के ज्यादातर विश्वविद्यालय आवेदक के आवेदन के बाद विभिन्न मानदंडों के आधार पर मूल्यांकन के बाद ही छात्रवृत्ति की पेशकश करते हैं। अंडरग्रैजुएट के लिए छात्रवृत्ति ज्यादातर शैक्षणिक, उनके प्रोफाइल और विश्वविद्यालय के लिए जरूरी मानदंडों के आधार पर तय की जाती है। मसलन, यूनिवर्सिटी आॅफ टोरंटो स्थित लेस्टर बी. पियरसन इंटरनेशनल स्कॉलरशिप विश्व के सबसे बहुसांस्कृतिक शहरों में से किसी एक शहर स्थित विश्व के सबसे अच्छे विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए बेहतरीन अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।'
छात्रवृत्ति प्रोग्राम का मकसद उन छात्रों को सम्मान देना है जो असाधारण शैक्षणिक उपलब्धि और रचनात्मकता प्रदर्शित करते हैं और जिन्हें अपने स्कूल में अग्रणी के तौर पर पहचान मिलती है। विशेष जोर छात्र के अपने स्कूल और समाज में बिताए बेहतरीन पल पर दिया जाता है और भविष्य में वैश्विक समुदाय के लिए सकारात्मक योगदान की क्षमता का आकलन किया जाता है। इसी तरह की छात्रवृत्ति विश्व के कई बड़े—बड़े विश्वविद्यालय में दी जाती है। कनाडा, अमेरिका,यूरोप और आॅस्ट्रेलिया के ज्यादातर विश्वविद्यालय उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अलग—अलग तरह की छात्रवृत्ति देते हैं जो अच्छे शैक्षणिक प्रोफाइल के साथ—साथ नेतृत्व क्षमता, सामाजिक गतिविधियों और अतिरिक्त गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं।
उन्होंने कहा, 'पोस्टग्रैजुएट आवेदकों को ऐसा प्रोफाइल बनाने पर भी ध्यान देना चाहिए जो शिक्षण कार्य से इतर इंटर्नशिप पाने, शोध पत्र लेखन एवं प्रकाशन आदि से जुड़ा हो और जहां लागू हो वहां अच्छा जीमैट/जीआरई स्कोर होने के साथ साथ विशेष प्रोजेक्ट पर कार्य करने से जुड़ा हो। विदेश में पढ़ाई के बारे में सोच रहे छात्रों को तीन साल पहले से ही योजना पर काम शुरू कर देना चाहिए। यदि आपकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि मजबूत होने के साथ साथ अच्छी—खासी छात्रवृत्ति पाने की क्षमता है तो आपको किसी भी विश्वविद्यालय से आॅफर लेटर मिलना आसान हो जाता है।'

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