मेरठ-तकनीकी ज्ञान में दक्षता आज के युवाओं की सफलता की गारंटी है। इंडस्ट्री की आवश्यकताओं को पूरा करने में विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विश्वविद्यालय तकनीकी संवर्धन, नवाचार एवं मानव संसाधन विकास का प्रमुख केन्द्र होते हैं। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ इस ओर प्रयास कर रहा है तथा आवश्यकतानुसार ऐसे महत्वपूर्ण उपक्रमों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध भी है। यह विचार चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ की कुलपति प्रो॰ संगीता शुक्ला ने सृजन संचार और यूपीआईडी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ’एडवांटेज गाजियाबाद’ नामक वेबिनार में व्यक्त किये। उन्होेने कहा कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण आधारभूत ढांचा और आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित लैब में ट्रेनिंग कराते हुए उनके लिए इंडस्ट्री में पर्याप्त अवसर उपलब्ध करा रहा है। हम इस क्षेत्र में हम अपने विश्वविद्यालय के संयोजन से और प्रगति कर सकते हैं। आवश्यकतानुसार ऐसी इंडस्ट्रियों से एम॰ओ॰यू॰ भी शीघ्र ही किये जाएगें। इसके अतिरिक्त पाठ्यक्रमों में भी आवश्यक संशोधन करते हुए उन्हें अद्यतन किया जाएगा। विश्वविद्यालय के शिक्षक और इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का भी आदान-प्रदान किया जाएगा। प्रोफेसर शुक्ला ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में चल रहे पाठ्यक्रमों पर विशेष बल दिया जाएगा तथा ऐसे पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से इंडस्ट्री के हिसाब से तैयार किया जायेगा। विश्वविद्यालय का यह प्रयास रहेगा कि कि इस प्रकार के एम॰ओ॰यू॰ से अकादिमक और इंडस्ट्री के बीच समन्वय स्थापित हो सकेगा। इससे न केवल विद्यार्थियों को रोजगार के नए अवसर प्रदान होंगे बल्कि उद्यमिता को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे देश के विकास में भी वे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति प्रो॰ वाई विमला ने कहा कि हमें अपने विद्यार्थियों को तकनीकी एवं कौशल की दृष्टि से दक्ष करने के लिए इंडस्ट्री की सहायता की आवश्यकता हो तो उसे लेते हुए विद्यार्थियों के लिए हर वह कार्य किया जाएगा जो पाठ्यक्रम की आवश्यकता तथा कौशल विकास के लिये आवश्यक होगा। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक तौर पर गाजियाबाद एव ंनोएडा के दो बड़े कॉलेजों को इंडस्ट्री की आवश्यकताओं के अनुरूप विद्यार्थियों को तैयार करने के लिए केन्द्र बनाया जाएगा। इन केन्द्रों पर 50 से 100 विद्यार्थी ट्रेनिंग लेंगे।
इस वेबिनार में ए के टी यू के कुलपति प्रो॰ विनीत कंसल ने भी विचार व्यक्त किये तथा नीरज सिंघल, शैलेन्द्र जायसवाल, साकेत अग्रवाल, रचना मुखर्जी, राज शेखर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
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