नए साल शुरू होते ही पाकिस्तान के नापाक हरकतें भी तेज हो गईं। पिछले दो-तीन दिन के अंदर ही कई पाकिस्तानी घुसपैठियों और आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया। लेकिन पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम (बैट) ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन क्षेत्र में घुसपैठ की कार्रवाई को अंजाम देने की जो कोशिश की, उससे साफ है कि पड़ोसी देश भारत में अशांति फैलाने की अपनी हरकतों से बाज नहीं आने वाला। हालांकि भारतीय सेना ने बैट की इस कोशिश को नाकाम कर दिया और उसके एक जवान को ढेर कर दिया।
भले अब पाकिस्तान कहता रहे कि मारा गया जवान उसके यहां का नहीं है, पर उसके पास जो पहचान संबंधी दस्तावेज मिले हैं, वे उसकी तस्दीक करने के लिए काफी हैं। जाहिर है, अगर बैट का यह मिशन किसी तरह कामयाब हो जाता तो उसके कई लोग भारत में घुस आते और तबाही मचाते। पर भारतीय सुरक्षाबलों की सतर्कता ने इसे टाल दिया। केरन सेक्टर में जहां यह घुसपैठिया मारा गया, उसी इलाके में पिछले साल भी पांच घुसपैठिए भारतीय सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिए थे। सोमवार को भी सांबा सैक्टर में सीमा सुरक्षा बल ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया। ये घटनाएं बता रही हैं कि पाकिस्तान अभी भी इस कोशिश में लगा है कि कैसे भी करके आतंकी भारत में घुसाए जाएं और कश्मीर सहित दूसरे इलाकों को निशाना बनाया जाए। लश्करे-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन उसकी जमीन से अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। बड़े आतंकी सरगना उसके यहां सुरक्षित हैं। ऐसे में पाकिस्तान से यह उम्मीद करना व्यर्थ है कि भारत के खिलाफ आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले कदम उठाना बंद कर देगा।
पाकिस्तान से लगती भारतीय सीमा पर जब से भारत ने चौकसी कड़ी की है, तब से पाकिस्तान के लिए घुसपैठ की घटनाओं को अंजाम देना आसान नहीं रह गया है। हालांकि फिर भी वह इसमें लगा तो है ही। इसके विकल्प के रूप में उसने सुरंगों का इस्तेमाल भी किया। पिछले कुछ सालों में सीमाई इलाकों में ऐसी सुरंगों का पता चला है। इसके अलावा ड्रोन के जरिए भी वह हथियार पहुंचाने में लगा है।
यह काम बिना पाकिस्तानी सेना की मदद के संभव नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि एक तरफ पाकिस्तान संघर्षविराम जैसे समझौते करता है, पाकिस्तान के हुक्मरान शांति की दुहाई देते हैं और दूसरी तरफ भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने से जरा नहीं हिचकिचाते। लेकिन पाकिस्तान को याद रखना चाहिए कि भारत उसकी हर प्रतिकूल गतिविधि और आतंकी कार्रवाई का उसी की भाषा में माकूल जवाब देने के लिए तैयार है।
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