मुजफ्फरनगर, 11 जनवरी 2022।जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो नए मेहमान के स्वागत की तैयारी में पूरा परिवार जुट जाता है। प्रसव के बाद शिशु के लिए कुछ खास चीज़ों की जरूरत होती है, जिसे इकट्ठा करने में हर कोई लग जाता है। वहीं, बच्चे के जन्म से पहले कुछ पारंपरिक रस्में भी निभाई जाती हैं, जिनमें से एक है गोद भराई। इसी क्रम में मंगलवार को जनपद में गोद भराई की रस्म का आयोजन किया गया। हालांकि कोरोना के के चलते आंगनबाड़ी केन्द्र बंद हैं लेकिन बाल विकास परियोजना अधिकारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका आदि के प्रयास से गर्भवती महिलाओं के घर तथा अनुकुल स्थानों पर गोद भराई रस्म आयोजित की गई।

जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश गोंड ने बताया मंगलवार को जनपद में सामुदायिक गतिविधि कैलेंडर 2021-22 के अनुसार पोषण अभियान के अंतर्गत वित्तपोषित गतिविधि गोद भराई दिवस का आयोजन किया गया। हालांकि कोरोना के चलते आंगनबाड़ी केन्द्र पर सभी गतिविधियां बंद हैं लेकिन बाल विकास परियोजना अधिकारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका आदि के प्रयास से गर्भवती महिलाओं के घर तथा अनुकुल स्थानों पर गोद भराई रस्म आयोजित की गई। जो महिलाएं गोद भराई दिवस में भाग नहीं ले पायीं, उनका नाम लिखते हुए उनके ग्रह भ्रमण के लिए निर्देशित किया गया। गतिविधि में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ-साथ, मास्क, हाथों की सफाई तथा उचित दूरी का विशेष ध्यान रखा गया। गर्भावस्था के दौरान खान-पान के बारे में चर्चा की गई। गर्भवती के वज़न बढ़ने को लेकर चर्चा की और बताया गर्भावस्था के दौरान महिला का वज़न 9 से 11 किलोग्राम बढ़ना चाहिए, यदि महिला कुपोषित है तो वज़न और अधिक बढ़ना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान समय से जांच कराने, आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करने, आयरन की गोली का नियमित प्रयोग करने, प्रसव के एक घंटे के अन्दर पीला गाढ़ा दूध नवजात को पिलाय जाने, प्रसव सिर्फ संस्थागत कराने की सलाह दी गई। इसके साथ ही चतुरंगी आहार में लाल, हरा, पीला, सफेद चार तरीके के भोजन करने की सलाह दी गई। खाने में पौष्टिक भोजन जैसे अनाज, दूध, फल, दाले, हरी साग - सब्जी, घी व अन्य चीजें खाने के साथ दिन में पर्याप्त नींद लेने और कोई भी भारी वस्तु न उठाने की सलाह दी गयी।

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