मेरठ । भारतीय विरासत को संजोने और संवारने के लिए शोभित इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डीम्ड टुबी यूनिवर्सिटी  मेरठ द्वारा स्पीक मैके के साथ मिलकर विश्वविद्यालय प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड विजेता मोहि बाहांउद्दीन डागर  एवं महान तबला वादक श्री संजय अगले मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे। 
कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ अजय राणा मुख्य अतिथि मोहि बाहांउद्दीन डागर  एवं महान तबला वादक श्री संजय अगले द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।



मोही बहाउद्दीन डागर, डागर घराने के रुद्रवीणा के प्रतिपादक हैं जो भारत का एक प्राचीन शास्त्रीय संगीत वाद्ययंत्र है। वह इस वाद्य यंत्र का अभ्यास 'ध्रुपद' शैली में करते हैं, जो भारत की सबसे पुरानी जीवित गायन परंपरा है और इसकी जड़ें सामवेद से जुड़ी हैं।  उन्होंने कार्यक्रम में राग सुहा, राग मुल्तानी अलाप , जोर, झाला रूद्रवीणा वाद्ययंत्र  को बजा कर  श्रोताओं  को आश्चर्यचकित कर दिया। उनके इस अलग अंदाज को देखकर सभी श्रोता उनके कायल हो गए कोई भी श्रोता ऐसा नहीं रहा जिसने उनके संगीत को सुनकर वाह-वाह ने कहा हो उनके साथ साथ महान तबला वादक श्री संजय अगले ने तबले पर उनका बखूबी साथ दिया और लोगों की वाहवाही लूटी।
कार्यक्रम में बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अजय राणा ने अपनी सांस्कृतिक विरासत की विशेषताओं को बताते हुए कहां की  एक विश्वविद्यालय के रूप में हमारा कर्तव्य है कि हम अपने छात्र छात्राओं को देश की सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराएं  उन्होंने मुख्य अतिथि मोहि बाहांउद्दीन डागर  एवं महान तबला वादक श्री संजय अगले  को उनके द्वारा दी गई प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद दिया और छात्रों को  अपनी  सांस्कृतिक विरासत में रुचि लेने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ नंदिता त्रिपाठी द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम की संयोजिका नेहा त्यागी रही। कार्यक्रम के अंत में कुलपति जी द्वारा मुख्य अतिथि को साल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।  कार्यक्रम के दौरान सभी विभागों के विभागाध्यक्ष एवं छात्र मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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