जमकर हुई मिष्ठानों, गरी के गोला की विक्री
अमित यादव

एटा। दीपावली व गोवर्धन मनाने के बाद तीसरे दिन भैया दौज पर्व को भी जनपद में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया। भैया दौज की खुशियों का अतिरेक भाई एवं बहनों के चेहरे पर देखते ही बन रहा था। भोर होते ही वह उत्सुक नजर आने लगे। शनिवार को बहनों ने अपने भाईयों के भाल पर रोली, रंगोली, चावल व गरी के गोला से तिलक कर दीर्घायु की कामना की। वहीं दूसरी ओर जेल में बंद भाईयों का तिलक करने के लिये बहनों की लम्बी लम्बी लाइनें लगी देखी गईं। इस पर्व पर हलवाईयों की चांदी रही, मिष्ठानों और गोलों की जमकर विक्री हुई। मार्गों पर जाम तो बाजारों में लोगों की भीड़ देखी गई।
बहन पर संकट पडऩे पर भाई ही सहायक होता है। इसलिये बहनें अपने भाई की लम्बी उम्र के लिये उसका तिलक कर भगवान से प्रार्थना करती है। यह पर्व भैया दौज के रूप में बहनें मनाती हैं। परंपरा के मुताबिक बहनों ने अपने भाइयों के घर पहुंचकर उनका रोली, रंगोली, चावल व गरी के गोला आदि से तिलक किया और लम्बी उम्र की कामना की। वहीं दूसरी ओर जेल में निरुद्ध भाइयों की दौज करने के लिये बहनें प्रातः से ही लाइन में लग गईं और जिला कारागार में अंदर जाकर भाइयों के मस्तिक पर तिलक कर उसकी दीर्घायु और कामना की। भाइयों ने भी बहनों का तिलक करते हुये बहन की रक्षा करने का बचन लिया और उपहार के रूप में साड़ी, रुपया व सोने-चांदी के आभूषण भी दिये। बड़े ही हर्षाेल्लास के साथ भैया दौज का पर्व मनाया गया। दीपोत्सव के अंतिम पर्व भैया दौज को मनाने के लिये बहनें अपने भाइयों के घर बड़ी मुश्किल से पहुंची।
भैया दौज पर्व होने के कारण यात्रियाओं की अधिकता हो गई। वाहनों की कमी के कारण भाई एवं बहनों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।  देर शाम तक रोडवेज बस स्टेण्ड के अलावा अन्य अड्डों पर यात्रियों का जमावाड़ा लगा रहा। इस दौरान डग्गामार वाहनों की भी पौवारह रहीं। उक्त पर्व के दिन जीवन को खतरे में डालकर वाहनों की छतों पर सवार होकर यात्रा करने को विवश हुये। नगर के रोडवेज बस स्टेण्ड, एटा-कासगंज, जलेसर, निधौली कलां,  शिकोहाबाद रोड बस अड्डों पर यात्रियों को वाहनों का इंतजार करते हुये देखा गया। मगर यात्रियों की तादात में वाहनों की संख्या कम होने के कारण वाहन आते ही सवारियों से भर जाते थे और गंतव्य की ओर रवाना हो जाते थे। भाईयों के पास पहुंचने के लिये बहनों को और बहनों के पास पहुंचने के लिये भाईयों को बस अड्डों पर कई कई घंटे इंतजार करना पड़ा।
वहीं दिन भर पुलिस भी चकरधिन्नी बनी रही, कभी किसी जगह तो कभी किसी स्थान पर जाम की खबर सुनते ही पुलिस को दौड़ते हुये राष्ट्रीय राजमार्ग पर देखा गया। पल पल जाम लग रहा था। यात्रियों की बहुतायद थी, वाहनों की कमी थी। शहर में छुटपुट घटनाओं के चलते उन्हें भी पुलिस ने देखा, उपचार के लिये अस्पताल भेजा। इधर जेब कटों की भी पौवारह रहीं। दर्जनों यात्रियों की जेबकतरों ने जेब साफ कर दीं। तमाम महिलाओं को तो दर्जनों पुरुषों को जेब साफ होने पर मायूष देखा गया। जेबकतरा बस की खिड़की पर लग जाते थे। जैसे ही भीड़ अधिक होती थी वैसे ही वह अपने हाथ साफ करने में कामयाब हो जाते थे। चूंकि पुलिस फोर्स कम था।

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