मेरठ- महिला अध्ययन केंद्र एवं मिशन शक्ति अभियान, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय,  एवं मेंटल हेल्थ मिशन इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में मानसिक स्वास्थ्य व तनाव प्रबंधन पर समाजशास्त्र विभाग चौ0च0सिंह विवि मेरठ में आयोजित किया गया।

मिशन शक्ति अभियान की संयोजिका प्रोफेसर बिन्दु शर्मा ने मिशन शक्ति अभियान के बारे में विस्तृत रूप से बताया एवं उन्होंने छात्राओं को अपने सशक्तिकरण करने के लिए सबसे पहले शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने और पूर्ण डाइट लेनी की आवश्यकता को बताया साथ ही उन्होंने बोला कि महिला सशक्तिकरण तब तक संभव नहीं होगा जब तक कि इसमें पुरुषों की भागीदारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आज पुरुषों का नजरिया कार्य करने वाली महिलाओं के प्रति बदल रहा है परंतु समाज में पूर्ण महिला सशक्तिकरण के लिए और ज्यादा बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने समाजशास्त्र के छात्र-छात्राओं को मिशन शक्ति से जोड़ने का आग्रह किया।

मेंटल हेल्थ मिशन इंडिया की मनोवैज्ञानिक रचना सैनी ने मेंटल हेल्थ मिशन इंडिया के उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा कि एम एच एम इंडिया स्कूलों, ऑफिस और कॉलोनियों में जाकर लोगों को मानसिक स्वास्थ्य एवं उनसे जुड़ी समस्याओं आदि के बारे में जागरूक करता है। इस हेतु कोई भी व्यक्ति 8899333777 नंबर पर कॉल कर सकता है और हमारी टीम कॉल करने वाले लोगों का नाम पता एवं पहचान नहीं पूछते हैं। 

मनोवैज्ञानिक लवलीन तिवारी ने छात्र- छात्राओं से बात करते हुए तनाव के बारे में बताते हुए कहा कि तनाव हमारे जीवन का एक सामान्य प्रक्रिया है परंतु जब कभी भी हमारे आसपास की परिस्थितियां हमारे कंट्रोल से बाहर होती हैं अथवा हम अपने प्रति दूसरों के प्रति या भविष्य के प्रति नकारात्मक सोच रखते हैं तो यही तनाव हमारे मानसिक स्वास्थ्य को खराब करता है उन्होंने अपने अंदर खराब मानसिक स्वास्थ्य को पहचानने की कुछ लक्षण बताएं जिनमें जिनमें छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना इच्छुक इरिटेशन चिड़चिड़ा हर्ट होना बेवजह सर दर्द होना नींद ना आना खाने-पीने का समय बदलना सामाजिक संबंधों का खराब होना और कार्यक्षेत्र में भागीदारी का घटना आदि उन्होंने कहा कि इनमें से यदि तीन से चार लक्षण हमारे अंदर बार-बार होते हो और उन्हें हम रोक नहीं पा रहे हैं तो हमें सहायता की आवश्यकता होती है और तनाव प्रबंधन का सबसे पहला स्तर अपने मन की बात किसी समझदार या बड़े व्यक्ति से साझा करना होता है यदि फिर भी बात नहीं बनती है तो किसी मनोवैज्ञानिक से सलाह लेनी चाहिए अन्य विधियों के बारे में उन्होंने बताया कि हमें दूसरों की सहायता करना अपनी स्थितियों और कमियों को स्वीकार करना सकारात्मक सोच रखना और धैर्य के साथ आगे बढ़ने के बारे में सोचना चाहिए

मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डा0 संजय कुमार ने बताया जिंदगी में यदि सफलता चाहिए तो आपने अपनी जिंदगी में जिस भी प्रकार का लक्ष्य निर्धारित किया है तो उस लक्ष्य के प्रति किए जाने वाले कार्यों में दृढ़ता धैर्य, समर्पण और स्पष्टता आवश्यक है साथ ही यदि हम इन सब को समय प्रबंधन के साथ करते हैं तो कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्यों को निर्धारित समय में प्राप्त कर सकता है इसके अलावा उन्होंने जीवन लक्ष्यों को के बारे में बताने के साथ-साथ छात्र-छात्राओं एवं उपस्थित शिक्षकों को डीप ब्रीदिंग रिलैक्सेशन विधि को बताया एवं सभी को उसका अनुभव भी करवाया

अंत मे अध्यक्षीय भाषण में समाजशास्त्र के अध्यक्ष प्रोफेसर बाई सिंह ने छात्र छात्राओं को बताया कि जिंदगी में तनाव प्रबंधन अति आवश्यक है और जब समाज में इसके प्रभाव नकारात्मक होते हैं तो बहुत सारी सामाजिक समस्याएं जैसे नशीले पदार्थों का सेवन बेरोजगारी हिंसा और महिलाओं के साथ उत्पीड़न और पारिवारिक झगड़ा आदि देखने को मिलता है इसलिए इसी स्तर पर हमें तनाव प्रबंधन की विधियों को सीख लेना चाहिए कार्यक्रम में सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन डॉ नेहा गर्ग ने किया एवं कार्यक्रम का संचालन डॉ सोनल भूषण ने किया इस दौरान डॉ वाय पी सिंह डॉक्टर अजीत सिंह दीपेंद्र एवं अरविंद सिरोही उपस्थित रहे।

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