अदालत के चक्कर लगाने को मजबूर हुआ पीड़ित

सतीशचंद शुक्ला `सत्पथी`
जौनपुर। सरकारी मशीनरी द्वारा बनाया गया निकट सम्बंधी प्रमाणपत्र और बिजली विभाग की ओर से जारी बिल, आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि के आधार पर फर्जी नामांतरण का मामला सामना आया है। आरोप है कि दस्तावेजों की जांच किए बगैर ही संपत्ति का नामांतरण कर दिया गया। अब संपत्ति को बचाने के लिए पीड़ित अदालत के चक्कर लगाने को मजबूर हो गया है।  
यह मामला मखदूम शाह अढ़न निवासी राजकुमार अग्रहरि का है। इससे परेशान अग्रहरि थाना पुलिस और तहसील के चक्कर काटने को मजबूर हो गए हैं। साथ ही इंसाफ की लड़ाई के लिए मजबूर होकर सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत मे परिवाद भी दाखिल कर दिया है।
बता दें कि छोटेलाल अग्रहरि के तीन पुत्रों में राजकुमार अग्रहरि सबसे बड़े हैं। भाइयों के बीच चल रही खींचातानी ने दोनों छोटे पुत्रों की साजिश से एक फर्जी वसीयतनामा के जरिये नगर पालिका प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर धन के सहारे नामान्तरण करा लिया गया।
भारतीय जननायक पार्टी के जिलाध्यक्ष श्री शुक्ल सत्पथी ने कहा कि वसीयतनामा पर हस्ताक्षर बनाने वाले दोनों गवाह भी फर्जी हैं, जिनका कोई पता ही नहीं है। ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बगैर जांच किये या पक्षकारों का पक्ष सुने बिना ही महत्वपूर्ण दस्तावेजों में नामान्तरण किया जाना नगर पालिका प्रशासन की घोर लापरवाही है।  
श्री शुक्ला सत्पथी ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और सूचना आयोग से सूचना मांगी है तथा इस फर्जीवाड़े में शामिल कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 

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