हजरत की शान में पेश की अकीदत
मेरठ। ईद मिलादुन्नबी के मौके पर दरगाहों और मस्जिदों में रौनक का दौर जारी है। कोविड प्रोटोकाल के तहत कार्यक्रम का आयोजन कर अ़कीदतमंद मुल्क की खुशहाली की दुआ करने के साथ ही हजरत मोहम्मद साहब की शान में दुरुद पाक पढ़कर अकीदत पेश कर रहे हैं। किठौर में आयोजित कार्यक्रम में कोविड-19 के नियमों के पालन के साथ कुल शरीफ, नाते पाक पढ़े गए।  
                                 इस दौरान देश में कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन में देश के मुसलमानों के व्यवहार को सराहा गया। मौलाना सूफी रज्जाक ने कहा कि मेरठ हो या फिर देश का कोई भी हिस्सा मुसलमानों ने सोशल डिस्टेंसिंग और होम क्वारंटाइन प्रोटोकॉल सहित सभी नियमों का पालन किया। ईंद के दोनों पर्व घर में मनाकर देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श उदाहरण स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि ईद-उल-अजा के दौरान भी यही प्रक्रिया अपनाई गई। सद्भाव और शांति बनाए रखने के लिए स्वच्छता और घर में कुर्बानी पर विशेष ध्यान दिया गया था। जबकि हमारे हिंदू भाई अपने सावन (जिस अवधि के दौरान हिंदू मांसाहारी खाने से परहेज करते हैं) का पालन कर रहे थे। मौलाना शाहीद ने कहा कि जब देश कोरोना से लड़ रहा था तक मुसलमान बड़ी संख्या में प्लाज्मा दान करने के लिए सामने आए, जिससे हजारों लोगों की जान बच गई। वे पूरे समय से देश की भलाई के लिए आवश्यक सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस उम्र के पुराने हदीस का पालन किया गया था न केवल त्योहारों के दौरान बल्कि जीवन में भारतीय मुसलमानों ने एक उदाहरण पेश किया था। उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमान अपने प्रिय पैगंबर की शिक्षाओं के आधार पर उसका पालन करते हैं। पीछे हटने को समझना और वर्तमान परिदृश्यों से निपटना प्रशंसनीय प्रतिबद्धताएं हैं। जिन्हें भारत जैसे समृद्ध देश बनाने के लिए हर जगह स्थापित करने की आवश्यकता है। भारतीय मुसलमान खुशी और श्रद्धा से जीने में विश्वास करते हैं, सुरक्षित और स्वस्थ रहने के लिए संघर्ष करते हैं और जीवन को क्षय से बचाना पसंद करते हैं। इसके बाद अंत में दुआ कराई गई और गरीब व बेसहारा लोगो को लंगर बांटा गया।

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