भारत में जन्मे हैं जीव जो, वो बहुत ही भाग्यशाली हैं।
संस्कृति संस्कार और सभ्यता में, वो सबसे निराले हैं।
पवित्र धरा है भारत की, जहां देवी देवताओं ने अवतार लिया।
श्रीरामचन्द्र जी ने अहिल्या का भी, यहीं पर उद्धार किया।
शबरी के झूठे बेर खाए, न ऊंच नीच का भेद किया।
नदियों के नाम जहां, देवी नाम से जाने जाते हैं।
नारी का सम्मान जहां, सदियों से किया जाता है।
वो देश कोई और नहीं, भारत ही कहलाता है.....
जीवों की तो बात ही क्या, यहां वृक्षों को भी पूजा जाता है।
ऐसे देश पर क्यों न गर्व करुं मैं, जहां अतिथि देव माना जाता है।
महाराणा की धरती है यह, शिवाजी का गौरव है।
भगत सिंह और राजगुरु सा सच्चा जहां परिवार है।
कबीर जैसे संतों की वाणी, सत्संग की महिमा गाते हैं।
बाल्मीकि की रामायण ही तो, सद्मार्ग सुझाते हैं।
हनुमान सा भगत है जहां, वहां पत्थर भी तर जाते हैं।
एक बूटी की बात ही क्या, वो पहाड़ भी उठा लाते हैं।
भारत ही तो देश है वो, जहां गौ माता कह पूजा जाता है।
सब धर्मों का सत्कार यहां, संविधान में पढ़ाया जाता है।
वो देश कोई और नहीं, भारत ही कहलाता है.....
--------------------
डॉ. अशोक कुमार वर्मा
उपनिरीक्षक, कुरुक्षेत्र।



No comments:
Post a Comment