- पिंकी सिंघल (शिक्षिका)
शालीमार बाग, दिल्ली।
क्वॉड देशों भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्षों की पहली फेस टू फेस इन पर्सन मीटिंग शुक्रवार 24 सितंबर को अमेरिका के व्हाइट हाउस में हुई। इस बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का मीटिंग बुलाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कहा कि हमारा वेक्सिन इनीशिएटिव इंडोपेसिफिक देशों की बहुत सहायता करेगा।वैक्सिंग पहल से इंडो पेसिफिक देशों को काफी मदद मिलेगी क्योंकि यह एक फोर्स फॉर ग्लोबल गुड की तरह कार्य करेगा।
चूंकि क्वॉड के चारों ही देश इस समय वैश्विक महामारी कोरोना की चुनौती का सामना कर रहे हैं इसलिए इन चारों देशों जो कि एक लोकतांत्रिक देशों का समूह भी बनाते हैं, ने मिलकर प्रण भी लिया है कि वैक्सिंग की ग्लोबल सप्लाई बेहतर करने पर काम किया जाएगा और अधिक से अधिक डोज का उत्पादन किया जाएगा।ये चारों ही देश वर्तमान में मानव कल्याण, आतंकवाद विरोध, जलवायु परिवर्तन इत्यादि मुद्दों को लेकर साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि जब ये चारों देश एक ही विचार के साथ और पूर्ण सहयोग से अपने कार्यों को अंजाम देंगे तो वह दिन दूर नहीं जब संपूर्ण विश्व से आतंक का सफाया होगा और वैश्विक स्तर पर शांति कायम रखने के सभी प्रयास शत प्रतिशत सफल होंगे।भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वार्ता के दौरान महात्मा गांधी का जिक्र किए जाने से भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर एक बार फिर नई पहचान मिलेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी इस धरा के ट्रस्टी हैं और इसकी हर प्रकार से रक्षा करना हम सभी का नैतिक दायित्व भी है। भारत और अमेरिका के बीच दिनोंदिन रिश्ते बेहतर ही बनते जा रहे हैं जिससे इन दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने में खासा सहयोग भी मिलेगा । जिस सहजता के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारतीय पीएम मोदी जी से वार्ता की उससे तो केवल भारत को ही नहीं पूरे विश्व को भी यह संदेश जाता है कि भारत आज भी पहले की ही तरह सभी के दिलों पर राज करना जानता है और अपने लोकतांत्रिक परंपराओं और मूल्यों के लिए पूर्णता समर्पित है।
अमेरिका के रूजवेल्ट रूम में जहां आज तक बहुत ही कम राष्ट्र अध्यक्षों को जाने का अवसर प्राप्त हुआ है, वहां पीएम मोदी को आमंत्रित कर अपने अनुभव साझा करने के लिए कहा गया, यह एक शुभ संकेत है। विश्व में शांति कायम करने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बाईडेन ने कहा कि यह समय की मांग भी है और दिनोंदिन शांति की यह मांग बढ़ती ही जा रही है।
इस वार्ता के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान और तालिबान के अंदरूनी मामलों में पाकिस्तान के हस्तक्षेप को लेकर गहरी चिंता जताई। चारों ही देश चीन के दबदबे को रोकने पर एकमत होते नजर आए और चीन को काउंटर करने के लिए इन सभी देशों ने अपनी अपनी रणनीति मजबूत करनी भी प्रारंभ कर दी है तो वह दिन दूर नहीं जब चीन घुटनों पर होगा और क्वॉड देशों के आपसी रिश्ते पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होंगे ।
क्वाड में शामिल चारों देश अब समझ चुके हैं कि उन्हें चीन से खतरा है इसीलिए उन्होंने ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग के स्थान पर यह फेस टू फेस फिजिकली मीटिंग रखी और मुलाकात की। अमेरिका की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और कमला हैरिस दोनों ने ही क्वॉड देशों के नेताओं से गर्मजोशी से मुलाकात की। पीएम मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की और यह मुलाकात उसी बिलार्ड होटल में हुई जहां मोदी ठहरे हैं। इसके बाद दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत भी हुई जिसमें दोनों देशों के प्रधानमंत्री मौजूद रहे और यह बातचीत काफी अहम साबित हुई क्योंकि इस दौरान कल्चरल एक्टिविटीज को बढ़ाने पर फोकस था।
क्वॉड मीटिंग से चीन और पाक को साफ संदेश देने के उद्देश्य से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बोले कि स्क्वॉड संगठन में सिर्फ वही लोकतांत्रिक देश रखे गए हैं जो पूरे विश्व के लिए समावेशी सोच रखते हैं जिनका भविष्य के लिए एक विजन है और ये सभी देश एक साथ मिलकर आने वाली चुनौतियों से निपटने की तैयारी भी करेंगे। इन चारों ही देशों ने इस वार्ता में कई मुद्दों पर मंथन किया है और हिंद प्रशांत क्षेत्र की संवेदनशीलता पर भी अपने अपने विचार रखे हैं।
सार रूप में कहा जा सकता है कि क्वॉड मीटिंग विश्व स्तर पर शांति कायम करने में सफल प्रयास करेगी एवम समूचे विश्व से आतंक का सफाया करेगी और एकजुट होकर किए गए ऐसे प्रयासों को सफल होने से विश्व की कोई भी ताकत रोक नहीं पाएगी।



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