मेरठ के मेजर मयंक का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

हिंडन एयरबेस पर सुबह लाया गया पार्थिव शरीर, शाम को मेरठ में अंतिम संस्कार


मेरठ
।जम्मू.कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए मेजर मयंक विश्नोई का पार्थिव शरीर रविवार को गृह जनपद मेरठ लाया गया। कंकरखेड़ा के शिवलोकपुरी स्थित पैतृक निवास पर शहीद के अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा। भारत माता के गगनभेदी जयकारों के बीच नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी गई। सूरजकुंड स्थित श्मशान में पिता वीरेंद्र विश्नोई ने मुखाग्नि दी। 



शहीद मेजर मयंक विश्नोई का पार्थिव शरीर रविवार सुबह जम्मू.कश्मीर के उधमपुर से गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस लाया गया। यहां वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के अलावा केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने उन्हें अंतिम सलामी दी। इसके बाद सेना के विशेष वाहन से शाम करीब चार बजे मेरठ में कंकरखेड़ा के शिवलोकपुरी स्थित पैतृक निवास पर पार्थिव शरीर लाया गया। यहां सांसद राजेंद्र अग्रवाल समेत सेना, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। शहीद के अंतिम दर्शन को उमड़े जनसैलाब के बीच शाम करीब पांच बजे अंतिम यात्रा शुरू हुई। प्रदेश सरकार की ओर से मंत्री कपिलदेव अग्रवाल और सांसद राजेंद्र अग्रवाल शामिल हुए। शाम को सूरजकुंड में राजकीय सैन्य सम्मान के बीच नम आंखों से शहीद मेजर को अंतिम विदाई दी गई। पिता वीरेंद्र विश्नोई ने मुखाग्नि दी। शहीद की पत्नी स्वाति विश्नोई, माता आशा विश्नोई और बहनें अनु, तनु मौजूद रहीं।

2013 में बने थे अफसर

कंकरखेड़ा की शिवलोकपुरी कालोनी निवासी रिटायर्ड सूबेदार वीरेंद्र विश्नोई के बेटे मयंक विश्नोई 2013 में आइएमए देहरादून से पास आउट हैं। लेफ्टिनेंट बनने के बाद मयंक कई यूनिटों में तैनात रहे। मयंक की बहन तनु और अनु विश्नोई के अनुसार 2019 में मयंक प्रमोशन पाकर मेजर बने थे। मेजर की पहली पोस्टिंग 44 आरआर में हुई। वर्तमान में तैनाती जम्मू कश्मीर के शोपियां में थी। आरआर में दो वर्ष की ड्यूटी हो चुकी थी, एक वर्ष बाद आरआर से वापस अपनी यूनिट में तैनाती मिलनी थी।

18 अप्रैल 2018 को हुई थी शादी

मेजर मयंक विश्नोई 18 अप्रैल 2018 को हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर टीला निवासी स्वाति संग विवाह के बंधन में बंधे थे। 14 अप्रैल को मेजर एक माह के अवकाश पर घर आए थे। इसी दौरान मेजर के पिता वीरेंद्र कुमार विश्नोई, माता मधु विश्नोई और पत्नी स्वाति कोरोना पाजिटिव हो गए थे। मेजर ने सभी की देखभाल की और उपचार कराने के बाद सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसके 13 मई को मेजर मयंक पत्नी संग ससुराल हिमाचल प्रदेश पहुंचे। वहां पत्नी को छोड़कर ड्यूटी पर चले गए थे।


 


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