गृह राज्य की यूनिट रन कैंटीन का चयन कर इसकी सूचना सैन्य स्टेशन मुख्यालय को देनी होगी

मेरठ।अब  शराब को लेकर अब पूर्व सैनिकों को पहले के मुकाबले अधिक जेब ढ़ीली करनी होगी। नए नियमों के तहत अब शराब पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी के प्रतिबंध के दायरे में पूर्व सैनिकों को ले लिया गया है। यानी अब पूर्व सैनिक अपने ही गृह राज्य की आर्मी कैंटीनों में शराब खरीद सकेंगे। इन नए नियमों के मुताबिक पूर्व सैनिकों केा अब साल में केवल एक माह का ही शराब का कोटा दूसरे राज्य की कैंटीन से मिलेगा। रक्षा मंत्रालय के इंटीग्रेटेड मुख्यालय ने सेवारत जवान और पूर्व सैनिकों को ग्रासरी और शराब की बिक्री के लिए भी नए नियम बनाए गए हैं। 

बता दे कि देश के हर प्रांत में शराब पर एक्साइज ड्यूटी अलग.अलग है। प्रदेश में एक्साइज ड्यूटी अधिक होने से यहां पर अन्य राज्यों की सेना कैंटीनों की अपेक्षा शराब अधिक महंगी है। लिहाजा पूर्व सैनिक अपने स्मार्ट सीएसडी कार्ड से दूसरे राज्यों में यूनिट रन कैंटीन से कम दर पर शराब और ग्रासरी सामान की खरीद आसानी से कर लिया करते थे। इससे उन्हें समान और शराब दोनों ही कम दामों पर मिल जाया करती थी। इससे यूनिट रन कैंटीनों में घरेलू सामान और शराब की अचानक मांग बढऩे से हर माह इनकी बेहद कमी हो जाती थी। जिसका खामियाजा अन्य सैनिकों को उठाना पड़ता था। सेना के इंटीग्रेटेड हेडक्वार्टर के क्वार्टर मास्टर जनरल ब्रांच ने यूनिट रन कैंटीन में सामान की उपलब्धता बनाए रखने और राज्यों की एक्साइज ड्यूटी की असमानता को देखते हुए ये नया आदेश जारी किया है। इस नए आदेश के तहत सेना से रिटायर्ड सैनिकों को घरेलू सामान व शराब की खरीद के लिए अपने गृह राज्य की यूनिट रन कैंटीन का चयन कर इसकी सूचना सैन्य स्टेशन मुख्यालय को देनी होगी।


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