जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन अन्य पर लगाये धोखादडी केआरोप 

 मेरठ। देश के लिय पराक्रम दिखाने वाले कई गलेट्रीं अवार्ड से सम्मानित70 प्रतिशत अंपगता की जिदगी जी रहे एक पूर्व ब्रिगेडियर देवराजसिंह ह  बुढापे के समय चैन से जिदंगी बिताने के बजाय कोर्ट व पुलिस के चक्कर रहे है। 



  शनिवार को मीडिया से अपनी पीडा बताते हुए पूर्व बिगेडियर देवराज सिंह ने अपनी पत्नि सीमा सिंह संग बताया उनके साथ धोखाधडी की गयी है। अपने रूपये वापस लौटाने के लिये 2013 से कोर्ट व पुलिस के चक्कर लगा रहे है। उन्होने बताया उन्होंने मैसर्स ईशा लवलपर्स बिल्डर्स में वर्ष 2007 में पार्टनशिप की थी। जिसमे उसकी सास कैलाशवती व सीमा  सिंह २० प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। जिसमें सतीश कुमार, मनिन्दरपाल पाल सिंह, प्रमोद कुमार , उषा सिंह, सिम्पल सिंह, कैलाशवती व सीमा सिंह संयुक्त  रूपये  हिस्सेदार थे। जिनका हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से  लेकर 25 प्रतिशत थी। सभी भागीदारों के मध्य पाटर्नरशिप डीड 18 मई 2007 में निष्पादित हुई।


 उन्होने बताया उन्होनें हिस्सेदारी के तौर पर बतौर 40.50 लाख  रूपये बैंक के माध्यम से चैक से भुगतान किया था। उन्होने मनिन्दरपाल सिंह व अन्य पर आरोप लगाते हुए बताया  कि 31 मार्च 2013 को ईशा डवलपर्स एंड बिल्डर्स का विघटन डीड  ऐसे स्टाम्प पर बनाकर दी जो  जो 2020 में जिला कोषाध्यक्ष के यंहा से जारी  हुआ। जिसके  मुख्य पृष्ठ पर स्टाम्प वेंडर अर्जुन गोयल ने  कोई जानकारी अंकित नहीं किया गया कि उसे कब  जारी किया  गया। जबकि नियमानुसार यह  जानकारी  कानूनी रूप से देनी आवश्यक  है। उन्होने बताया जब इस बातकी जानकारी मांगी तो वहां  से बताया  गया कि  कि स्टाम्प 13 नवम्बर 2020 को जारी किये गये । उन्होने बताया जिला सहकारी बैंक के  चेयरमैन मनिन्दरपाल सिंह व प्रमोद कुमार ने सिविल जज सीडी के यहां वाद संख्या 303-2021 दायर किया गया। उन्होने बताया धोखधडी की जानकारी मिलने के बाद उनकी पत्नि ने 340 सीआरपीसी के तहत मनिन्दरपाल  सिंह व प्रमोद कुमार के खिलाफ वाद दायर कराया। 

 उन्होने  बताया  कि उनकी पत्नि सीमा सिंह द्वारा अपने अधिवक्ता  रूपचन्द शर्मा द्वारा अन्य साझीदारों को नोटिस इस बाबत दिलाये गये कि आपने फर्जी विघटन डीड पर पार्टनर या गवाह के तौर पर हस्ताक्षर किये है या करा लिये गये है। नोटिस प्राप्ति होने के बावजूद उत्तर न देने के कारण  सिम्पल सिंह , ऊषा सिंह तथा  सतीष कुमार तथा विघटन डीड पर गवाह के तौर पर हस्ताक्षर करने वाले  पुष्पा व तुलसी प्रसाद भट्ट के विरूद्व  न्यायालय के आदेश पर पल्लवपुर थाने में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। जिनकी विवेचना जारी है। उन्होंने बताया स्टाम्प वैन्डर अर्जुन कुमार गोयल के विरूद्व न्यायालय में अन्तर्गत धारा- 156 (3)सीआरपीसी के अन्तर्गत प्रार्थना पत्र दिया था।न्यायालय के आदेश पर उसके विरूद्व सिविल लाईन्स थाने मेेें एफआईआर  दर्ज हो चुकी है।



पूर्व  ब्रिगेडियर  ने कहा  मै एक सैनिक अपने स्वाभिमान के साथ मर तो सकता हूॅ परन्तु कायर की तरह भू-माफियाओं से हार नही मानूंगा। इसके लिये वह राष्टï्रपति,पीएम, सर्वाच्च न्यायालय,हाईकोर्ट जाने से नहीं कतराएंगे। जब उन्हें न्याय मिलता है। वह शांत नहीं बैठेंगे। 

2013 में विघटनडीड को  2020 में दिखाया गया 

   पूर्व  ब्रिगेडियर ने आरोप लगाया  कि मनिन्दरपाल सिंह व प्रमोद ने जो विघटन डीड 2013 हो  गयी थी। उसे फर्जीवाडा करके  2020में  दिखाया गया है। इतनां ही नहीं उनकी सास कैलाशवती को २०२० की डीड में जिंदा दिखा गया गया है। उनकी 2013 से पूर्व मौत हो गयी थी।

मेरा कोई  लेंना  देना नहीं

इस बारे मेे जब भाजपा नेता  जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन मनिन्दर  पाल सिंह से बात की गयी तो  उनका  कहना है। यह जीजा साले का  मामला  है।मेरा कोई  लेंना  देना नहीं है।  कोर्ट में जो विघटन डीड के बारे बात कही जा रही है। वह भी उनके साले प्रमोद कुमार ने  दाखिल की है। इससे  ज्यादा वह कुछ नहीं कह सकते है।  

No comments:

Post a Comment

Popular Posts