20 सितम्बर से 21 अक्टूबर तक होगा सम्मेलन का आयोजन 

उद्देश्य- लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक बनाना 

 मेरठ, 21 सितम्बर 2021। विशेष कार्यक्रम सास-बहू सम्मेलन में अब बेटे को भी शामिल किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से इसे सास-बेटा-बहू सम्मेलन का नाम दिया गया है। यह पहली बार है, जब बेटे को भी इस आयोजन में शामिल किया जा रहा है। मिशन परिवार विकास वाले जनपदों में 20 सितंबर से एक माह तक आयोजित होने वाले सम्मेलन में सास-बहू के बीच गुब्बारा व प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। विजेताओं को इनाम भी दिया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक बनाना है। इसी परिपेक्ष  में  जिले के रोहटा ब्लॉक व रासना गांव में सास बहू व बेटा सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें परिवार नियोजन के बारे में सास, बहू व बेटे में  समन्वयक स्थापित करने का प्रयास किया गया।



मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने बताया-मेरठ मिशन परिवार विकास वाले जनपदों में शामिल है। जिले में उपकेंद्र स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से सास-बेटा-बहू सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सास और बहू के मध्य समन्वय एवं संवाद स्थापित कर उनके पारस्परिक अनुभवों के आधार पर परिवार नियोजन कार्यक्रम को रुचिकर बनाना है। खेल व अन्य गतिविधियों के माध्यम से इसे और बेहतर किया जाएगा।
परिवार नियोजन कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. पूजा शर्मा ने बताया-खेल व अन्य गतिविधियों के माध्यम से इस कार्यक्रम को और बेहतर किया जाएगा। ऐसा करने से प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति अपनी अवधारणाओं, व्यवहार एवं विश्वास में बदलाव आएगा। उन्होंने बताया- परिवार में प्राय: सभी निर्णयों में पुरुषों की अहम भूमिका होती है, इसे देखते हुए इस बार सम्मेलन में परिवार के बेटों को भी शामिल किया गया है।
आमंत्रित हुए यह परिवार
  जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक हरपाल सिंह ने परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत सास बेटा- बहु सम्मेलन रासना गांव व रोहटा ब्लॉक में कार्यक्रम के दौरान 30 दंपति शामिल हुए। जिसमें बेटा-बहू व सास शामिल रहे। इसमें एक वर्ष के दौरान के नव विवाहित दंपति, एक वर्ष के अंदर उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाएं, परिवार नियोजन का साधन न अपनाने वाले दंपति और दंपति जिनके तीन या तीन से अधिक बच्चे हैं। आदर्श दंपति विवाह से दो वर्ष बाद पहला बच्चा हुआ हो, पहले से दूसरे बच्चे के जन्म में न्यूनतम तीन वर्ष का अंतर हो, दो बच्चों के बाद परिवार नियोजन का स्थायी साधन अपनाया हो । उनको परिवान नियोजन के साधनों के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अरविद गोस्वामी, अखिलेश सिंह, हुसैन अहमद, डा. अमर सिंह, यशवीर सिंह, बिमलेश,   मधु रानी, संगनी माया, बबीता ठाकुर का सहयोग रहा।


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