योगी सरकार ने की घोषणा, जमीन हुई अलाट
देवबंद के सेंटर में 15 से ज्यादा अफसरों की तैनाती की जाएगी। यहां बड़ी संख्या में एटीएस कमांडों तैयार किए जाएंगे। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने ये जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- तालीबान की बर्बरता के बची यूपी की खबर भी सुनिए। योगी जी ने तत्काल प्रभाव से देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। युद्धस्तर पर काम शुरू भी हो गया है। प्रदेशभर से चुने हुए करीब डेढ़ दर्जन तेज तर्रार एटीएस अफसरों की यहां तैनाती होगी।
लखनऊ-नोएडा में भी सेंटर का काम जारी:
देवबंद से पहले लखनऊ और नोएडा में एटीएस का कमांडो ट्रेनिंग सेंटर खोलने की तैयारी चल रही है। लखनऊ में अमौसी और नोएडा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास यह सेंटर बनेंगे। दोनों स्थानों पर जमीन फाइनल हो चुकी है। आर्मी व एसपीजी के अफसरों की निगरानी में स्पेशल कमांडो तैयार किए जाएंगे। इन्हें हर वह चीज सिखाई जाएंगी तो आतंकी हमलों के दौरान बचाव-राहत में इस्तेमाल की जाती है।
एटीएस सेंटर के लिए देवबंद ही क्यों?
22 फरवरी-2019 में यूपी एटीएस ने देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक को गिरफ्तार किया था। खुलासा हुआ कि दोनों आतंकियों को पुलवामा हमले की पहले से खबर थी। यहां से अनेक बार बांग्लादेशी, आईएसआई एजेंट पकड़े जा चुके हैं। देवबंद से 30 किलोमीटर दूर ही सहारनपुर है। सहारनपुर में करीब 8 से ज्यादा बार आतंकी और आईएसआई एजेंटों की गिरफ्तारी हो चुकी है। देवबंद में 300 से ज्यादा मदरसे हैं। दारूल उलूम होने की वजह से देश-दुनिया के स्टूडेंट्स शिक्षा लेने यहां आते हैं। इल्म की नगरी कहा जाने वाला देवबंद दूर-दूर तक जाना जाता है। पिछले कुछ समय से इसका नाम आतंकी गतिविधियां से जुड़ रहा है। इस वजह से उप्र सरकार ने देवबंद में एटीएस कमांडो सेंटर बनाने का फैसला लिया है।
पश्चिम में होंगे दो कमांडो सेंटर
देवबंद के इस कमांडो सेंटर से देवबंद, सहारनपुर, मेरठ तक का एरिया कवर हो सकेगा। मेरठ में भी एटीएस की स्वात टीम पहले से तैनात है। हालांकि, टीम में संख्या काफी कम है। इसके अलावा एटीएस की एक टीम नोएडा में हर वक्त रहती है। नोएडा और देवबंद में एटीएस के दो कमांडो सेंटर बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पूरा एरिया कवर हो जाएगा।
शाकम्भरी हुआ सहारनपुर विवि का नाम
सहारनपुर विश्वविद्यालय को अब शाकम्भरी विवि के नाम से जाना जाएगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर दी है। बता दें कि विवि का नाम बदलने को लेकर काफी दिन से चर्चा चल रही थी। जिसे आज अमली जामा पहना दिया गया।
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