जिले की जलनिगम की टंकियों पर दबंगों ने किया कब्जा

अधिकारी एवं कर्मचारी जानकर भी बने अनभिज्ञ,

टंकियों पर बिल भुगतान के लिए बकाया राशि करोडों में 


एटा- 
भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय द्वारा राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के टैंक बनबाए जाने की कवायद जिला स्तर से भले ही शुरू करा दी गई हो लेकिन वास्तविकता तो यह है कि इस योजना के अंतर्गत कार्य होने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में वास्तविक लाभार्थियों को लाभ तक नहीं मिल पा रहा है और जिन निजी स्थानों पर इस योजना के तहत पानी के टैंक स्थापित कराए गए है वह उनकी निजी संपत्ति बनकर रह गई है। ऐसे ही मामले विकास खंड मारहरा की ग्राम पंचायत खकरई का प्रकाश में आया है जिसकी ग्रामीणों ने अतिक्रमण करने बालों के बिरूद्ध एफआईआर दर्ज कराकर सभी को लाभ दिलाए जाने की मांग डीएम अंकित अग्रवाल से की है। 
भारत सरकार द्वारा जलशक्ति अभियान को भले ही गति दी जा रही है लेकिन यह अभियान सफल हो पायेगा या नहीं इसका जीता जागता उदाहरण ग्रामीण क्षेत्रों में जल निगम द्वारा लगवाए गए पानी के टैंक बयां कर रहे हैं। जहां कुछ लोगों ने सवमर्सिवल को निकालकर अपने निजी हैण्डपंप लगा लिए हैं तो किसी ने उस बोरिंगों के उपर अपने मकान बनाकर उनको अपने प्रयोग में लिया जा रहा है यदि कोई शिकायत करता है तो उस शिकायत को कोई अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते जिससे अतिक्रमण करने बालों के होंसले और अधिक बुलंद होते जा रहे हैं ऐसा कहना मारहरा विकास खंड की ग्राम पंचायत खकरई के लोगों का है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित कराई गई टंकियों के विद्युत विल बिल इतने हो चुके हैं कि इनका भुगतान ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाना भी संभव नहीं है जिससे ग्राम प्रधान भी चिंतित है कि इन विद्युत विलों का भुगतान किस मद से किया जाऐगा। ग्रामीणों ने डीएम अंकित अग्रवाल से इन टंकियों को अतिक्रमण मुक्त कराकर सुचारू कराए जाने की मांग की है जिससे ग्रामीणों को लाभ मिल सके। वहीं इन पर अतिक्रमण कराने बालों के बिरूद्ध पुलिस कार्यबाही के साथ-साथ विद्युत विल की अदायगी का भी दण्ड लगाए जाने की मांग की है। मांग करने बालों में ज्ञान सिंह पूर्व प्रधान, विनोद कुमार पूर्व प्रधान, जागन सिंह, रामवीर सिंह, ग्रीश कुमार, क्षेत्रपाल सिंह, भगवान सिंह, लालाराम, छोटेलाल आदि प्रमुख हैं। 
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केस नं0 एक- नेत्रपाल पुत्र दरियाव सिंह के घर के पास लगी टंकी की कोठरी पर नेत्रपाल ने कब्जा कर लिया है और बोरिंग के उपर मकान बनाकर चारों तरफ से बंद कर ग्रामीणों को पानी पीने के नाम पर ठेंगा दिखा दिया।
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केस नं0 2- बबलू पुत्र रामसहाय के प्लाट पर लगी टंकी की कोठरी अपने कब्जे में ले ली गई और बोरिंग से समर निकालकर अपना निजी हैंण्डपंप स्थापित कर लिया पडौसियों को पानी पीने के नाम पर गालियों की खुराक  दी जाती है। 
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केस नं0 3- श्रीकृष्ण के खेत में लगी टंकी उनकी मौत के बाद उसकी समर एवं पाइप उनके वारिसानों ने निकाल कर बेच दिए और टंकी बंद कर दी गई।  
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टंकियों का विद्युत विल 80 लाख के आसपास कैसे हो भुगतान
मारहरा में अकेली ग्राम पंचायत खकरई में यदि टंकियों के विद्युत विल की बात की जाए तो इसका लगभग 80 लाख के आसपास होगा जिसके विल हमेशा गतिमान हैं लेकिन विद्युत विल के भुगतान कैसे होंगे इसके लिए किसी के पास कोई स्कीम नहीं है। यदि पूरे विकास खण्ड के विद्युत विल की बात की जाए तो 58 ग्राम पंचायतों पर करीव 25 करोड से अधिकविद्युत विल बकाया होगा तो जिले की समस्त ग्राम पंचायतो की क्या स्थिति होगी यह एक सोचनीय बिषय है।
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क्या बोले पंचायत सचिव ग्राम पंचायत
कई बार इन टंकियो को अतिक्रमण मुक्त कराने का प्रयास किया गया है लेकिन कामयाबी नहीं मिली उच्चाधिकारियों के आदेश मिलने के बाद ही कोई पुलिस कार्रबाई संभव है। नरेन्द्र सिंह सचिव 
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चौधरी एनपी सिंह 

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