केवल बकाया लाभ की हकदार होती है लाभार्थी

नोएडा, 23 अगस्त 2021। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) का लाभ उन महिलाओं को दूसरी बार गर्भवती होने पर भी मिलता है जो पहली बार गर्भवती तो हुईं लेकिन उन्हें किसी कारण मातृत्व सुख नहीं मिल पाया। ऐसी अवस्था में महिला अगर पहली बार गर्भवती होने पर कोई किस्त ले चुकी है तो दूसरी बार उस किस्त को छोड़ कर शेष किस्तों का भुगतान किया जाता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया- यदि किसी महिला के शिशु जीवित पैदा नहीं होता या गर्भावस्था के दौरान किसी कारण गर्भपात हो जाता है तो इस अवस्था में अगली बार मां बनने पर भी उसे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभार्थी माना जाएगा।
योजना के नोडल अधिकारी डा. भारत भूषण ने बताया- यदि महिला का पंजीकरण इस योजना में प्रारम्भ से नहीं हुआ है और बच्चा मृत होता हैं तो वह महिला दूसरी बार गर्भवती होने पर भी लाभार्थी होगी। उन्होंने शासनादेश का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि गर्भपात एवं शिशु के मृत जन्म के मामले में लाभार्थी किसी भावी गर्भधारण की स्थिति में शेष किस्त का दावा करने के लिए पात्र होगी। इसी प्रकार पहली किस्त प्राप्त करने के बाद यदि लाभार्थी का गर्भपात  हो जाता है तो वह पात्रता के मानदंडों एवं योजना की शर्तों की पूर्ति के अधीन भावी गर्भधारण की स्थिति में केवल दूसरी एवं तीसरी किस्त प्राप्त करने की पात्र होगी। इसी तरह यदि पहली और दूसरी किस्त प्राप्त करने के बाद लाभार्थी का गर्भपात हो जाता है या मृत शिशु जन्म होता है तो वह पात्रता के मानदंडों एवं योजना की शर्तों की पूर्ति के अधीन भावी गर्भधारण की स्थिति में तीसरी किस्त प्राप्त करने की पात्र होगी। ऐसी महिलाओं के दोबारा गर्भवती होने पर योजना का लाभ लेने के लिए सभी प्रक्रिया पूरी करनी होती हैं। आशा कार्यकर्ता द्वारा प्रपत्र भरा जाता है और एएनएम द्वारा उसे सत्यापित किया जाता है। ऐसी स्थिति में विभाग को गर्भपात अथवा मृत शिशु के जन्म होने की जानकारी देनी होती है।
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक पारस कुमार गुप्ता ने बताया- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ (पांच हजार रुपये) तीन किस्तों में मिलता है। इसके लिए बारी-बारी से तीन प्रपत्र (प्रपत्र 1-ए, प्रपत्र 1-बी, प्रपत्र 1-सी) भरे जाते हैं।
प्रपत्र 1 ए
गर्भवती के अंतिम मासिक चक्र की तिथि के सौ दिन के उपरांत महिला यदि संस्थागत प्रसव के लिए पंजीकरण कराने जाती है तो उसे उसी समय 1000 रुपये की पहली किस्त दे दी जाती है।
आवश्यक दस्तावेज-
आवेदन प्रपत्र 1 ए, मदर चाइल्ड प्रोटेक्शन (एमसीपी) कार्ड,  आधार अथवा कोई भी पहचान पत्र। गर्भवती का बैंक अकाउंट  (ज्वाइंट न हो)।
प्रपत्र 1 बी-
अंतिम मासिक चक्र की तिथि के 180 दिन बाद या गर्भवती के टीटी -2 टीका लगने पर दूसरी किस्त (2000 रुपये) दी जाती है।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदन प्रपत्र 1बी और एमसीपी कार्ड
प्रपत्र 1 सी-
 बच्चे के जन्म के तीन महीने बाद प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने के पश्चात लाभार्थी को तीसरी किस्त (2000 रुपये) मिलती है।
आवश्यक दस्तावेज
प्रपत्र 1 सी, बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र, एमसीपी कार्ड,  माता-पिता दोनों का आधार कार्ड (बिना आधार कार्ड के तीसरी किस्त का भुगतान नहीं होगा) अगर निजी चिकित्सालय में प्रसव कराया गया है तो अस्पताल द्वारा बनाये गये टीकाकरण कार्ड की फोटो प्रति।
विस्थापित होने पर भी मिलता है लाभ
 योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक पारस कुमार गुप्ता ने बताया- योजना की पहली किस्त लेने के पश्चात यदि लाभार्थी कहीं विस्थापित हो जाती है अथवा अपने गृह जनपद चली जाती है तो उस स्थिति में वह वहां से योजना की दूसरी व तीसरी किस्त का लाभ ले सकती है। यह विशेष प्रावधान खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अनुशरण में देश के सभी जिलों में जनवरी 2017  से लागू है।


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