जिन लाभार्थियों के बैंकों का विलय हुआ है वह अपने नये आईएफएस कोड की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दें

नोएडा, 3 अगस्त 2021। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत मिलने वाले लाभ के लिए लाभार्थी की बैंक में केवाईसी होना (नो योर कस्टमर) जरूरी है । केवाईसी अपडेट होने पर ही लाभार्थी को योजना का लाभ मिल सकेगा। यह जानकारी योजना के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डा. भारत भूषण ने दी। उन्होंने बताया- पिछले दिनों कुछ राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय हुआ है, जिस कारण बैंकों के आईएफएस कोड (भारतीय वित्तीय प्रणाली संहिता) बदल गये हैं। इस वजह से बहुत से लाभार्थियों को भुगतान संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वह अपनी बैंक में जाकर अपना केवाईसी (नो योर कस्टमर) करा लें और नये आईएफएससी की जानकारी स्वास्थ्य विभाग में दर्ज करा दें, ताकि उनका शीघ्र भुगतान किया जा सके।
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक पारस गुप्ता ने बताया - योजना के सभी लाभार्थियों को भुगतान किया जा रहा है। योजना के तहत जनवरी 2017 से अब तक (2 अगस्त) जिले में करीब 82.88 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। बाकी जो लाभार्थी रह गये हैं उनको शीध्र ही भुगतान करा दिया जाएगा। योजना के तहत करीब 36719 पंजीकृत लाभार्थी हैं। शासन की ओर से पहली बार मां बनने वाली  करीब 40175 महिलाओं को लाभ देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उपलब्धि के लिहाज से यह 91 प्रतिशत है।
पहली बार गर्भवती होने पर मिलते हैं पांच हजार रुपये
योजना के नोडल अधिकारी ने बताया- योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को तीन किश्तों में 5000 रुपये की धनराशि दी जाती है, चाहे प्रसव सरकारी या निजी अस्पताल में कराया हो। पंजीकरण के लिए माता-पिता का आधार कार्ड, मां की बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है। मां का बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिये। निजी अकाउंट ही मान्य होगा। यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण का प्रमाणिक पर्चा होना जरूरी है। उन्होंने बताया पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किस्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जाँच होने पर (गर्भावस्था के छह माह बाद) दूसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं।
फोन पर न दें बैंक खाता संबंधी जानकारी
डा. भारत भूषण ने लाभार्थियों से फर्जी फोन कॉल से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने बताया- कुछ जालसाज योजना के नाम पर फोन कर लाभार्थियों के बैंक अकाउंट संबंधित जानकारी लेकर उनके साथ आर्थिक धोखाधड़ी करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने बताया योजना का कोई भी प्रतिनिधि लाभार्थी से ओटीपी नहीं पूछता है और न ही  संवेदनशील सूचनायें मांगता है, यदि ऐसा होता है तो वह पीएमएमवीवाई प्रतिनिधि नहीं है उसे कोई सूचना न दें। उन्होंने कहा कि फोन पर किसी को भी केवाईसी के लिए अपनी बैंक का ब्योरा न दें। राज्य स्तर से हेल्प लाइन नंबर 7998799804 जारी किया गया है। इस हेल्प लाइन नंबर पर लाभार्थी स्वयं ही कॉल करके योजना के आवेदन संबंधी तथा भुगतान न होने पर आ रही समस्या का निराकरण प्राप्त कर सकते हैं।

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