मेरठ। पिछले काफी समय से मानदेय को लेकर आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन का अनूठा रास्ता अपनाया। दर्जनों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने कमिश्नरी चौराहे से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकालते हुए बर्तन बजा कर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इस तरह वह नींद में सोई सरकार को जगाने का काम कर रही हैं।
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष संतोष परमार के नेतृत्व में दर्जनों महिला आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने सोमवार की सुबह कमिश्नरी चौराहे से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने खाली बर्तन बजाते हुए प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। संतोष परमार ने कहा कि चार साल पहले यूपी में इलेक्शन के समय भाजपा ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में भी सरकार बनने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय बढ़ाए जाने का वादा किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बावजूद सरकार ने आज तक इस विषय में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इतना ही नहीं 62 वर्ष की उम्र पूरी कर चुकी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी काम से हटाया जा रहा है। जबकि प्रदेशभर की तमाम आंगनबाड़ी कार्यकत्री सरकार द्वारा चलाए जा रहे तमाम तरह की योजनाओं में अपनी जान हथेली पर रखकर इन योजनाओं के क्रियान्वयन में सरकार का सहयोग करती रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश संगठन के आह्वान पर तमाम जिलों में आंगनबाड़ी कार्यकत्री आंदोलन कर रही हैं। आज इसी मामले में सीएम को ज्ञापन सौंपा जा रहा है। लेकिन यदि जल्द ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की सुनवाई नहीं हुई तो सितंबर के महीने में प्रदेशभर की आंगनबाड़ी कार्यकत्री लखनऊ पहुंचकर अनिश्चितकालीन आंदोलन चलाएंगी।

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