पहले पखवाड़े में बच्चों की लंबाई और वजन के जरिए होगी स्क्रीनिंग

मुजफ्फरनगर, 31 अगस्त, 2021
सरकार द्वारा बच्चों में कुपोषण की समस्या के समाधान एवं उनके पोषण प्रबंधन के दृष्टिगत 2018 से प्रत्येक वर्ष सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। जनपद में बुधवार से पोषण माह शुरू होगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश गौड़ ने बताया-जनपद में वर्तमान में शून्य से पांच साल तक के बच्चों की संख्या करीब 2.28 लाख है। 1.89 लाख सामान्य बच्चे हैं जबकि 11484 मध्यम अल्प वजन के बच्चे हैं। 4503 गंभीर अल्प वजन वाले बच्चे हैं। 4942 मध्यम कुपोषित (मैम) व 1679 अतिकुपोषित (सैम) बच्चों को चिन्हित किया गया। 396 बच्चे दिव्यांग मिले, जिनमें से 264 शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं जबकि 132 मानसिक रूप से दिव्यांग हैं। इनके बेहतर स्वास्थ्य एवं देखभाल के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पोषण माह के दौरान भी इन बच्चों की स्वास्थ्य जांच व अन्य गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
उन्होंने बताया-सितम्बर माह की शुरुआत राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में की जाएगी। इसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। बुधवार से शुरु होने वाला सितंबर माह पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। माह के पहले पखवाड़े में महिला एवं बाल कल्याण विभाग और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग मिलकर बच्चों की स्क्रीनिंग करेंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा और एएनएम मिलकर छह वर्ष तक के बच्चों की लंबाई और वजन की जांच करने के लिए अभियान चलाएंगी। इसके साथ ही पहले सप्ताह में यानि एक से सात सिंतबर तक पोषण वाटिका के रूप में पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजेश गौड ने बताया पोषण माह के आयोजन के संबंध में शासन से गाइडलाइन प्राप्त हो गई हैं। गाइडलाइन के मुताबिक अभियान की तैयारी की गई है। उन्होंने बताया पोषण माह के पहले सप्ताह के दौरान एक से सात सितंबर तक पौधरोपण अभियान के जरिए पोषण वाटिका तैयार की जाएंगी। आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों और पंचायत भवन परिसर में उपलब्ध भूमि पर किचन गार्डन तैयार किए जाएंगे। गर्भवती को बेहतर पोषण के प्रति जागरूकता के लिए स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता व पोषण वाटिका प्रतियोगिता कराई जाएंगी। पहले सप्ताह के दौरान गर्भवती के लिए कोविड टीकाकरण संवेदीकरण कार्यक्रम भी चलाया जाएगा। पोषण माह का दूसरा सप्ताह “पोषण के लिए योगा और आयुष” को समर्पित होगा। बेहतर पोषण के लिए आयुष में उपलब्ध विकल्पों की जानकारी दी जाएगी और साथ ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गर्भवती, स्कूली बच्चों और किशोरियों के लिए योगा सत्र आयोजित किए जाएंगे। गर्भवती के ‌लिए पोषक भोजन हेतु रेसिपी प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी।
16 से 23 सितंबर (तीसरा सप्ता‌ह) के दौरान पुष्टाहार का वितरण किया जाएगा। पुष्टाहार में क्षेत्रीय पोषाहार जैसे पंजीरी आदि को शामिल कियी जाएगी। स्थानीय पोषक भोजन को लेकर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता टेक होम राशन का इस्तेमाल करते हुए रेसिपी का प्रदर्शन करेंगी। चौथे सप्ताह में 24 से 30 सितंबर तक ब्लॉक वार सैम-मैम बच्चों का चिन्हीकरण किया जाएगा और उन्हें जरूरी चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। पुष्टाहार वितरण के साथ ही सैम-मैम बच्चों की जल्दी पहचान के लिए सामुदायिक स्तर पर संवेदीकरण किया जाएगा और कुपोषित बच्चों पर ध्यान देना अभियान का उद्देश्य रहेगा।

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