जेल में लगाई गई 17 हाईटेक मशीनें 

मेरठ। चौधरी चरण सिंह कारागार में बंद बंदियों और उनके परिजनों के लिए अब खुशखबरी है। जेल में बंदी और घर बैठे उनके परिजन अब सप्ताह के पांच दिन बात कर सकेंगे। बंदी अपने परिजनों से जेल से खुलकर बात कर सकेंगे और घर का भी हाल समाचार ले सकेंगे। प्रदेश सरकार ने अब जेल प्रशासन को सप्ताह में पांच दिन बंदियों की उनके परिजनों से बात करने की अनुमति प्रदान की है। पहले यह सुविधा सप्ताह में दो दिन बात करने की थी। इसके लिए जेल में हाइटेक 17 मशीनें लगाई गई हैं। 

 कारागार अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि जेल में इस समय लगभग 2500 बंदी हैं। इन बंदियों को परिजनों ने दो मोबाइल नंबर पर बात करने की सुविधा दी जाएगी। इन नंबरों को जेल प्रशासन अपने फाइल में पंजीकृत करेगा। इसके बाद संबंधित थानों के अलावा मोबाइल कंपनियों से जांच कराकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बंदी की ओर से पंजीकृत कराया मोबाइल नंबर उनके परिवार के सदस्यों का ही है। इसके अलावा मोबाइल नंबर से संबंधित व्यक्ति के आपराधिक रिकार्ड को भी खंगाला जाएगा। पूरी पुख्ता जांच होने के बाद ही बंदी की ओर से दिए गए नंबर को पंजीकृत कर मशीन के साफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। नियमानुसार पंजीकृत नंबरों पर ही बंदी फोन कर बात कर सकेंगे। इससे अलावा वो और किसी फोन नंबर पर बात करने की इच्छा जताएंगे तो उस पर ये सुविधा नहीं मिलेगी। मशीन से बंदी की बातों को पारदर्शी रखा जाएगा ताकि आपत्तिजनक बातों को दर्ज किया जा सके। इससे आगामी दिनों में बंदी को फोन पर बात करने की सुविधा दी जाए या नहीं। यह तय किया जा सकेगा। हर पंजीकृत नंबर के लिए अंतिम स्वीकृति देने से पहले डिप्टी जेलर संबंधित नंबर पर बात कर पुष्टि सुनिश्चित करेंगे।
हाइटेक मशीन से ऐसे होगी बात
इस हाइटेक मशीन का नाम बोलचाल में पिक्स कहते हैं। वास्तविक नाम प्रिसन्स इनमेट कालिंग सिस्टम है। इस मशीन से बात करने के पहले बंदी का फिंगर प्रिंट स्कैन किया जाएगा। ऐसा करते हुए स्क्रीन पर वे दो नंबर आ जाएंगे जिसे बंदी ने पंजीकृत कराया है। जिस नंबर पर उसे बात करनी है, स्क्रीन पर उसको टच कर चयनित करेगा। इसके बाद संबंधित नंबर पर रिंग जाने लगेगी। तय निश्चित अवधि के बाद फोन अपने आप कट जाएगा। जेल में बंदियों को बात करने के लिए हाइटेक मशीन की स्थापना कर दी।

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