अनिवार्य रूप से लाइसेंसिंग के प्रस्ताव को वापस लेने की अपील

मेरठ। शहर में पान, बीड़ी, सिगरेट आदि जैसे तंबाकू उत्पाद बेचने वाले रिटेलर्स के लिए अलग लाइसेंस अनिवार्य करने के प्रस्ताव का बुधवार को टोबैको प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन ने विरोध किया। नगर निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और लाइसेंसिंग के प्रस्ताव को वापस लेने की अपील की।
टोबैको प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के महासचिव सोनू मग्गू ने कहा कि मेरठ में देश के अन्य जगहों की तरह तंबाकू उत्पादों का खुदरा व्यापार पारंपरिक रूप से 25000 छोटे दुकानदारों के हाथों में रहा है, जो असंगठित क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और छोटी दुकानों से संचालन करते हैं। इन खुदरा विक्रेताओं को लॉकडाउन के कारण काफी नुकसान हुआ है और वे अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे निराशाजनक समय में हम यह देखकर चकित हैं कि उत्तर प्रदेश के शहरी विकास विभाग और मेरठ नगर निगम ने छोटे रिटेलर्स का सहयोग करने के बजाय एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया है, जो हाशिए पर जी रहे रिटेलर्स का उत्पीड़न कई गुना बढ़ाएगा। व्यापार करने की लागत बढ़ाकर उन्हें बहुत बड़ा झटका देगा। यह समय छोटे और सीमांत रिटेलर्स को राहत प्रदान करने का है और हम नगर निगम से अनुरोध करते हैं कि इस मसौदा प्रस्ताव को लागू न करें और इसके बजाय ऐसी नीतियां बनाएं जो हमारे सदस्यों के लिए आजीविका के अवसरों का निर्माण कर सकें। कहा कि टोबैको प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग वाले इस प्रस्तावित संशोधन को वापस लेने के लिए मेरठ नगर निगम के मेयर एवं निगम आयुक्त से अपील करता है। इस प्रस्ताव के खिलाफ कड़ी आपत्ति करता है। बताया कि इस कानून से शहर में 25000 माइक्रो रिटेलर्स पर प्रभाव पड़ेगा, जो परिवारों समेत 1.5 लाख से ज्यादा लोगों की आजीविका चलाते हैं। इस मौके पर असलम खान, यशवीर, राजू, सोनू, नूर मोहम्मद, रामबीर सिंह आदि मौजूद रहें।
छोटे रिटेलर्स मेरठ में खुदरा बिक्री की रीढ़
जानकारी देते हुए बताया कि छोटे रिटेलर्स मेरठ में खुदरा बिक्री की रीढ़ हैं। उन्होंने महामारी के बीच उपभोक्ताओं तक दैनिक उपभोग की वस्तुओं की पहुंच सुनिश्चित की है। ये रिटेलर्स तंबाकू उत्पाद बेचने के अलावा दैनिक जरूरतों का सामान भी बेचते हैं, जिनकी मांग आसपास के लोगों द्वारा बिस्कुट, कोल्ड ड्रिंक, मिनरल वाटर, सिगरेट, बीड़ी आदि के रूप में की जाती है। नतीजतन, तंबाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों के लिए अनिवार्य लाइसेंस के किसी भी प्रस्ताव से शहर के इस गरीब वर्ग पर दूरगामी दुष्परिणाम होगा।

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