मेरठ :  मेदांता की लिवर ट्रांसप्लान्ट टीम ने 14 वर्षीय बच्चे पर देश की पहली पीडिएट्रिक ड्यूल लोब लिवर ट्रांसप्लान्ट सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया | अक्षत इस दुर्लभ सर्जरी को करवाने वाला भारत का पहला बच्चा है उसकी दो बहनों प्रेरणा और नेहा ने अपने भाई की जान बचाने के लिए अपने आधे-आधे लिवर दान में दिए हैं।
डॉ अरविंदर सोइन चेयरमैन मेदांता लिवर ट्रांसप्लान्ट इंस्टीट्यूट एवं चीफ़ सर्जन ने इस मामले के बारे में बात करते हुए कहा इतनी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ के इलाज के लिए अपनी तरह की इस पहली सर्जरी का फैसला लेना बहुत मुश्किल था क्योंकि हमें तीनों भाई-बहनों को ऑपरेशन की टेबल पर एक साथ ले जाना था यह फैसला न सिर्फ टीम के लिए बल्कि बच्चों के माता-पिता के लिए बहुत मुश्किल था सफल ट्रांसप्लान्ट के लिए ज़रूरी था कि नए ट्रांसप्लान्ट किए गए लिवर का वज़न मरीज़ के वज़न का कम से कम 0ण्8 से 1 फीसदी हो इस मामले में एक डोनर के आधे लिवर का वज़न अक्षत के वज़न का सिर्फ 0.5 से 0.55 फीसदी ही था। ऐसे में हमें दो आधे लिवर्स की ज़रूरत थी। हमें खुशी है कि यह सर्जरी सफल रही।’
डॉ नीलम मोहन, डायरेक्टर, पीडिएट्रिक लिवर डिज़ीज़ेज़ एवं ट्रांसप्लान्टेशन, मेदांता ने कहा, ‘‘मरीज़ की दोनों बहने लिवर दे सकती थीं, लेकिन स्थिति को ध्यान में रखते हुए दोनों के आधे-आधे लिवर की ज़रूरत थी। शुरूआत में आईसीयू में मरीज़ को ठीक होने में कुछ मुश्किलें आईं, बाद में तीनों बच्चे ठीक हो गए।’
डॉ नरेश त्रेहन, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, मेदांता ने कहा, ‘‘यह अंगदान के द्वारा ज़िंदगी बचाने की क्षमता का अनूठा उदाहरण है। यह इस बात को दर्शाता है कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति अपना आधा लिवर या एक किडनी देकर किसी की जान बचा सकता है, जबकि अंगदान करने वाले को कोई परेशानी नहीं होती।’
पिछले एक महीने से मरीज़ अपनी ज़िंदगी के लिए जूझ रहा था डीप जॉन्डिस के चलते लिवर फेलियर होने के कारण वह बहुत अधिक बीमार था मरीज़ का वज़न बहुत अधिक-तकरीबन 92 किलो होने के कारण यह मामला और भी जटिल हो गया था उसकी दोनों बहनें भाई के लिए लिवर डोनेट कर सकती थीं लेकिन उनका वज़न कम था ऐसे में दोनों बहनों से आधा-आधा लिवर लिया गया दोनों के आधे-आधे लिवर मरीज़ में फिट करने के लिए लम्बी सर्जिकल प्रक्रिया बेहद चुनौतीपूर्ण थी अक्षत और और उसकी दोनों बहने सर्जरी के बाद जल्दी ठीक हो गए और अब तकरीबन 1 महीने बाद सामान्य जीवन जी रहे हैं।  

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