नक्शा पास न करा कर अपने जाल में खुद फंसा नगर  निगम 

 56 करोड़ की लागत से 14500 वर्ग मीटर में खडी कर दी बिल्ड़िग 

बार-बार पत्राचार करने के बाद मानचित्र का नक्शा उपलब्ध नहीं करा पा रहा 

मेरठ। आवास विकास आवसीय क्षेत्र में नयी सड़क के पास नगर निगम की नयी बिल्ड़िग का नक्शा पास न करा पाने पर निगम बुरी तरह फंस गया है। 2023 से अभी तक नगर निगम बिल्ड‍़िग का नक्शा नहीं दिखा सका है। मामला हाईकोर्ट में पहुंचा हुआ है। अधिकारी जवाब देने से कतरा रहे है। 

नयी सड़क स्थित 18 बीघा जमीन यानी 176.48 एकड़ खसरा  नम्बर  6041 शुरूआत से विवादित रही। इस बेशकीमती जमीन पर लोगों ने अपना कब्जा बता कर कब्जाने का प्रयास किया। लेकिन मामला हाईकोर्ट में होने के कारण ऐसा नहीं हो सका।

  2023 जमीन पर नगर निगम की नयी बिल्ड़िग बनाने का कार्य आरंभ किया। नयी सड़क के किनारे क्ब्जा जमाए बैठे दुकानदारों को वहां से जबरन हटाया गया। निगम की ओर से इस पूरे परिसर को टीन शेड लगाकर कवर किया गया। नगर निगम ने बिल्ड़िग को बनाने के लिए जल निगम की सी. एंड.डी. एस. ईकाई को ठेका दिया गया। इसमें व्यवसायिक काम्पलैक्स व दुकानों का निर्माण भी शामिल था। नगर निगम इसका नक्शा पास कराए बिना बिल्ड़िग बनवाने लगा। इस बात को आवास विकास भी भूल गया  कि अवासीय क्षेत्र में किसी भी व्यवासायिक काम्पलैक्स का निर्माण नहीं हो सकता है।

 आरटीआई एक्टीविस्टलोेकेश खुराना ने2024  में  नगर निगम से आईटीआई के बिल्ड‍़िग का नक्शा पास कराने मानचित्र मांगा  नगर निगम नक्शा नहीं दे सका। जुलाई माह में इसकी भनक आवास विकास के अधिकारियों को लगी तो उन्होंने अपनी गर्दन बचाने के लिए अधीशासी अभियंता आफताभ अहमद ने नगर निगम के अधीशाासी अभियंता निर्माण से बिल्ड़िग का पास नक्शा प्रस्तुत करने के लिए कहा तो निगम नक्शा नहीं दे पाया। यानी पूरी की पूरी बिल्ड़िग बिना नक्शो के खडी कर दी । जबकि नक्शा पास कराने की जिम्मेदारी थी। 

  आरटीआई एक्टीविस्ट लोकेश खुराना का कहना है कि इस बारे में उन्होंने हाई कोर्ट में रिट याचिका संख्या 3980 डाली हुई है। जिसमें नगर निगम एवं तीन अन्य को पार्टी बनाया है। यह मामला कोर्ट संख्या 37 न्यायधीश चन्द्र कुमार राय की अदालत में चल रहा है।हाई कोर्ट ने निगम नक्शे का जवाब  मांगा है। 

उन्होंने बताया कि नगर निगम की ओर से शास्त्रीनगर में 14500वर्ग मीटर में नयी सड़क पर 56 करोड़ की लागत से व्यवसायिक बिल्ड़िग  का निर्माण कराया है। जिस पर अब तक 56 कराेड़ रूपये खर्च हो चुके है। जबकि  3640 वर्ग मीटर में जोनल कार्यालय खाेला है। इसके अतिरिक्त 2500 वर्ग मीटर आडियोटेारियम के लिए खाली जगह छोड़ी गयी है। कुल मिलाकर 18 हजार वर्ग मीटर में निगम व्यावसायिक गतिविधि चला रहा है। 

 बोले अधिकारी 

 इस बारे में नगरायुक्त सौरभ गंगवार से जानकारी लेने का प्रयास किया तो उनका कहना था  इसके बारे में उनके  लिपिक  प्रदीप जोशी ही दे पाएंगे। ये मामला उसके पहले का है। जानकारी में आया है उक्त जमीन आवास विकास की है। 




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