भारत का तेज गति अर्थव्यवस्था बनना इत्तेफाक नहीं है
By News Prahari -
- प्रह्लाद सबनानी
माह जनवरी 2021 में जारी की गई आर्थिक समीक्षा में अनुमान लगाया गया था कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि दर 11 प्रतिशत की रहेगी, जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी के कारण यह ऋणात्मक 7.3 प्रतिशत की रही थी। इस प्रकार तो कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रभाव देश की आर्थिक वृद्धि दर पर लगभग शून्य ही रहने वाला है। हालांकि उस समय पर आर्थिक समीक्षा में यह भी बताया गया था कि आर्थिक वृद्धि को आर्थिक सुधार कार्यक्रमों को लागू करने एवं नियमों में ढील दिए जाने एवं आपूर्ति पक्ष को समर्थन देकर विकास दर को तेज करने में मदद मिलेगी।
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