पावर कारपोरेशन का पीएफ घोटाला

सरेंडर करना होगा पासपोर्ट


लखनऊ । उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के पीएफ घोटाले में पूर्व एमडी एपी मिश्रा को करीब दो वर्ष बाद जमानत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एपी मिश्रा को जमानत देने के साथ ही पासपोर्ट को सरेंडर करने का निर्देश भी दिया है।
उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन के कर्मियों की पीएफ की धनराशि को कहीं अन्य जगह पर निवेश करने के घोटाले के मामले में एपी मिश्रा को यूपी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नवंबर 2019 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद इस मामले में सीबीआई ने पांच मार्च को केस दर्ज करने के बाद इस प्रकरण की जांच अपने हाथ में ले ली थी। अब जमानत मिलने के बाद एपी मिश्रा को सीबीआई कोर्ट में अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा।
एपी मिश्रा ने बीते वर्ष मई में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा था। इस घोटाले में तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी व ट्रस्ट सचिव पीके गुप्ता को भी और पूर्व एमडी एपी मिश्र के साथ गिरफ्तार किया गया था। एपी मिश्रा की जमानत अर्जी कई बार खारिज हो गई थी।
उत्तर प्रदेश स्टेट पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में 21 अप्रैल, 2014 को कर्मचारियों के जीपीएफ और सीपीएफ का पैसा ज्यादा ब्याज देने वाले फाइनेंशियल कॉरपोरेशन में लगाने का फैसला हुआ। उस समय एमडी एपी मिश्रा थे। इसके बाद मार्च, 2017 से लेकर दिसंबर, 2018 तक तत्कालीन सचिव, ट्रस्ट पीके गुप्ता और निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी की मंजूरी पर दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) में निवेश किया जाता रहा। इन दोनों अधिकारियों को पता था कि डीएचएफएल वाणिज्यिक बैंक की श्रेणी में नहीं आता है। इसमें एपी मिश्रा भी दोषी पाए गए थे।

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