जनपद में 12 से 24 जुलाई तक चलाया गया दस्तक अभियान

आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रयास से मिली सफलता



नोएडा, 27 जुलाई, 2021। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत 12 से 24 जुलाई तक चलाए गये दस्तक अभियान में जनपद में टीबी (क्षय रोग) के चार मरीज मिले हैं। यह मरीज अभियान के तहत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर की गयी स्क्रीनिंग के दौरान मिले हैं। यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीश जैन ने दे दी।
डा. जैन ने बताया दस्तक अभियान में जनपद में जांच के दौरान टीबी से मिलते जुलते लक्षण वाले 329 लोग मिले। इन लोगों की स्पुटम (बलगम) जांच करायी गयी, जिसमें चार लोगों में टीबी की पुष्टि हुई। चारों रोगियों का तत्काल उपचार शुरू करा दिया गया है। 
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया दस्तक अभियान में लगाए गए फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को जिला क्षय रोग विभाग की ओर से ट्रेनिंग दी गई थी। उन्हें टीबी रोगियों के लक्षणों के बारे में जानकारी दी गयी थी। उसी के आधार पर घर-घर गई टीमों ने लोगों से लक्षणों को लेकर सवाल किए और टीबी रोगियों को खोजने के लिए लोगों की स्क्रीनिंग की। उन्हें बताया गया कि यदि 15 दिन से अधिक खांसी रहे, बुखार रहता हो, रात में सोते समय पसीना आए और तेजी से वजन गिर रहा हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सक से संपर्क करें और टीबी की जांच कराएं।  साथ ही उन्हें यह भी बताया कि टीबी रोग सांस के जरिए फैलता है, इसलिए जांच में देरी होने से यह बीमारी परिवार के अन्य सदस्यों को भी चपेट में ले सकती है, लिहाजा तुरंत जांच कराएं और टीबी की पुष्टि होने पर  घर के अन्य सदस्यों से अलग रहें। मॉस्क का प्रयोग करें। 
उन्होंने बताया टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें विभाग के कर्मचारी लोगों को टीबी के लक्षण और उससे बचने की जानकारी देते हैं। वह खुद भी जागरूकता कार्यक्रमों में लोगों को बीमारी के बारे में बताते हैं। उन्होंने बताया जनपद में टीबी से संबंधित सभी जांच और उपचार निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। समय पर व पूरा इलाज कराने पर यह बीमारी पूरी तरह खत्म हो जाती है, लेकिन इलाज शुरू करने के बाद इसे बीच में नहीं छोड़ना चाहिये, ऐसा करने से बीमारी और बढ़ जाती है।
डा. जैन ने बताया वर्तमान में जनपद में साधारण टीबी के करीब तीन हजार, एमडीआर टीबी के 173 और एक्सडीआर टीबी के 36 मरीज उपचाराधीन हैं।

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