मेरठ। टीकाकररण करने के लिये प्रचार प्रसार कराने में सरकार कोई कसर नहीं छेाड रही है। लेकिन जिस हिसाब से टीकारण होना चाहिए था। उस हिसाब से टीकाकरण नहीं हो पा रहा है। समय से टीकाकरण की डोज  समाप्त होने पर लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना इस गर्मी में करना  पड रहा है। इस बारे में  अधिकारी कुछ भी बोलने से हिचकिचा रहे है। 
बता देें गत  १ जुलाई से मेरठ समेत  पूरे प्रदेश में टीकाकरण बडे पैमाने कराने के लिये  कलस्टर योजना बनायी गयी थी। योजना के तहत जानी खुर्द,माछरा, सरूरपुर ,लखीपुरा,  आदि पर टीमो द्वारा वैक्सीनेशन किया जाना था। इतना नहीं घर पर टीकाकरण कराने की योजना बनायी गयी थी। लेकिन पीछे से टीकाकरण की डोज  न आने के कारण योजना पर असर पडता दिखाई दे रहा है। शनिवार को विभाग की ओर से जिले के ३० स्थानों पर ७३०० कोविशील्ड व १६१० कोवैक्सीन लगायी जानी थी। सुबह से ही केन्दों पर टीकाकरण कराने वालों की भीड लगनी आरंभ हो गयी। दोपहर १२ पोर्टल बंद होने के  कारण टीकाकरण नहीं हो पाया। स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभरियों से जानकारी ली गयी उनका कहना था पीछे से पोर्टल बंद हो गया है। कई केन्दों पर दोपहर एक बजे तक वैक्सीन समाप्त हो चुकी थी। सबसे ज्यादा उन्हेमुसीबतों का सामना करना पडा । जो  अपने बुजुर्ग परिजनों का  टीकाकरण कराने के लिये गयी थे। 
सीएचसी भावनपुर पहुले लाभार्थी सुनीलकुमार का कहना था  वह सुबह ११ बजे वैक्सीनेशन कराने के लिये पहुंचे तो आधा घंटे के बाद वैक्सीन समाप्त हो गयी यही स्थिति  यूपीएचसी नगला  बटटू,  तहसील, साबुन गोदाम आदि केन्द्रों की देखने को मिली। 
 इस बारे में  मुख्य  चिकित्सा अधिकारी डा अखिलेश मोहन का कहना है वैक्सीन का कोटा पीछे न आने के  कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। वैक्सीन की डोज  पर्याप्त मात्रा में आने के बाद परेशानी दूर हो जाएगी। 

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