मनुष्य का मन बड़ा चंचल है, हर जगह भागता है। जीवन में जिस चीज़ का अभ्यास करता है, उसमें माहिर हो जाता है। मनुष्य को जब ठोकर लगती है, तो वह दुखी होता है। पर इसी ठोकर को बार बार याद करने से, मनुष्य हर वक़्त रोता है। जब व्यक्ति खुश होकर, अपनी खुशियाँ बाँटता है तो उस खुशी का कोई मूल्य नहीं। जिस दिन इस स्वांस की कीमत जान ले,
उससे अच्छा कोई दिन नहीं। अच्छा सोचने से इंसान बहुत सुंदर महसूस करता है पर उसको लागू करने से वह खुद पर जीत हासिल करता है। - प्रिया गुप्ता नई दिल्ली।
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